भारत का नया इमिग्रेशन अधिनियम: सुरक्षा और मानवीय दृष्टिकोण का संतुलन

भारत सरकार ने हाल ही में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट 2025 लागू किया है, जो अवैध प्रवासियों पर सख्त दंड के साथ-साथ कुछ श्रेणियों को मानवीय दृष्टिकोण से छूट भी प्रदान करता है। इस अधिनियम के तहत, विशेष रूप से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले अल्पसंख्यकों को दंड से छूट दी गई है। जानें इस अधिनियम के प्रमुख प्रावधान और दंडात्मक कार्रवाई के बारे में।
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भारत का नया इमिग्रेशन अधिनियम: सुरक्षा और मानवीय दृष्टिकोण का संतुलन

भारत सरकार का नया इमिग्रेशन अधिनियम

भारत सरकार ने हाल ही में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट 2025 को लागू किया है, जो अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वाले विदेशियों के खिलाफ सख्त दंड का प्रावधान करता है। इस अधिनियम के तहत, बिना वैध पासपोर्ट या वीज़ा के भारत में प्रवेश करने वालों को पांच साल तक की जेल और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।


हालांकि, यह अधिनियम कुछ श्रेणियों को दंडात्मक कार्रवाई से छूट भी प्रदान करता है। विशेष रूप से, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले प्रवासी, जो छह अल्पसंख्यक समुदायों— हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी—से संबंधित हैं और जिन्होंने 31 दिसंबर 2024 तक भारत में वैध दस्तावेजों के साथ प्रवेश किया था, उन्हें इस अधिनियम के तहत दंड से छूट मिलेगी।


विशेष छूट और प्रावधान

इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स (एक्सेम्प्शन) ऑर्डर, 2025 के अनुसार, नेपाल और भूटान के नागरिकों को भी इसी तरह की छूट दी गई है। इसके अलावा, 1959 से 30 मई 2003 के बीच विशेष प्रवेश अनुमति लेकर भारत आए तिब्बती नागरिकों को भी छूट मिलेगी, बशर्ते वे संबंधित विदेशी पंजीकरण अधिकारी के पास पंजीकृत हों।


हालांकि, यदि नेपाल और भूटान के नागरिक चीन, मकाऊ, हांगकांग या पाकिस्तान के रास्ते भारत में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें यह छूट नहीं मिलेगी।


दंड और जुर्माने की व्यवस्था

इस अधिनियम की धारा 21 के तहत, बिना वैध पासपोर्ट या वीज़ा के भारत में प्रवेश करने वाले विदेशियों को अधिकतम पांच वर्ष की कैद और/या पांच लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। वहीं, धारा 23 के अंतर्गत वीज़ा की अवधि से अधिक ठहरने वाले विदेशियों पर अधिकतम तीन वर्ष की कैद और/या तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।


गृह मंत्रालय ने अधिनियम के उल्लंघन पर संकलित जुर्मानों की अधिसूचना भी जारी की है। इसके तहत, वैध पासपोर्ट और वीज़ा के बिना प्रवेश करने वाले विदेशियों पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।


मानवीय दृष्टिकोण और सुरक्षा

अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों को, यदि वे 31 दिसंबर 2024 तक भारत आ चुके हैं, तो अब दंड की चिंता नहीं करनी होगी। यह कदम भारत के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें पड़ोसी देशों से उत्पीड़न झेलकर आने वाले अल्पसंख्यकों को शरण दी जाती है।


हालांकि, भारत के लिए यह चुनौती बनी हुई है कि वह सुरक्षा और मानवीयता के बीच संतुलन बनाए रखे। अवैध प्रवास को नियंत्रित करना आवश्यक है, लेकिन शरण लेने वाले समुदायों की पीड़ा को नज़रअंदाज़ करना भारत की परंपरा नहीं रही है।