भारत का कूटनीतिक अभियान: आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने की कोशिश
भारत का कूटनीतिक अभियान पाकिस्तान के आतंकवाद को वैश्विक स्तर पर उजागर करने के लिए जारी है। शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में है, जहां वे अमेरिकी सांसदों और अधिकारियों से मिलकर भारत की स्थिति को स्पष्ट कर रहे हैं। इस दौरान, पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल भी वाशिंगटन पहुंचा है। जानें, इस कूटनीतिक प्रयास में क्या हो रहा है और भारत की नीति के प्रति अन्य देशों की प्रतिक्रिया क्या है।
Jun 4, 2025, 17:02 IST
|

भारत का अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक प्रयास
भारत का प्रयास पाकिस्तान के आतंकवाद को वैश्विक स्तर पर उजागर करने के लिए जारी है। वर्तमान में, सात में से पांच सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अपनी यात्रा पूरी कर चुके हैं, जबकि दो अन्य विदेश में हैं। इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व कांग्रेस नेता शशि थरूर कर रहे हैं, अमेरिका में है। इसका उद्देश्य न केवल अमेरिका को भारत की स्थिति से अवगत कराना है, बल्कि पाकिस्तान के प्रतिनिधियों को भी जवाब देना है।
अमेरिका में प्रतिनिधिमंडल की गतिविधियाँ
यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी सांसदों, अधिकारियों, और थिंक टैंक के सदस्यों से मिलकर 'ऑपरेशन सिंदूर' और आतंकवाद की चुनौतियों पर चर्चा कर रहा है। थरूर के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को वाशिंगटन पहुंचा और बृहस्पतिवार तक वहां रहेगा। इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा, तेलुगु देशम पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना और अन्य दलों के सदस्य शामिल हैं।
पाकिस्तान का जवाब
वाशिंगटन में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की कि थरूर का प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी संसद और प्रशासन के सदस्यों से मुलाकात करेगा। तेजस्वी सूर्या ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवाद के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है और दुनिया ने भारत के रुख को समझ लिया है।
पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल भी सक्रिय
इस बीच, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल भी वाशिंगटन पहुंचा है। बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि वे अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। सूर्या ने पाकिस्तान के प्रयासों को नकारते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान ने भारत की नकल करने की कोशिश की है।
ब्रिटेन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा
रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ब्रिटेन में आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में भारत की नीति को समझा गया है और दोनों देशों के बीच बेहतर संवाद पर सहमति बनी है।
मिस्र और मलेशिया में सहयोग
मिस्र के विदेश मंत्री ने भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता व्यक्त की। वहीं, मलेशिया ने भी भारत के रुख का समर्थन किया और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की पेशकश की।
प्रतिनिधिमंडल की सफलताएँ
कई प्रतिनिधिमंडल अपनी यात्रा पूरी कर लौट चुके हैं और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अपनी अनुभव साझा कर रहे हैं। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि उनका दौरा सफल रहा।