भारत का 4C फॉर्मूला: वैश्विक शांति के लिए राजनाथ सिंह का दृष्टिकोण

रक्षा मंत्री का महत्वपूर्ण बयान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वैश्विक शांति को बनाए रखने के लिए सभी देशों को 4C फॉर्मूला - Consultation (परामर्श), Cooperation (सहयोग), Coordination (समन्वय) और Capacity Building (क्षमता निर्माण) - के सिद्धांतों पर कार्य करने की आवश्यकता बताई। यह बयान उन्होंने नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में योगदान देने वाले देशों के प्रमुखों के सम्मेलन में दिया। यह सम्मेलन भारत में पहली बार हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आज के शांति सैनिकों को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें आतंकवाद, अस्थिरता, मानवीय संकट और गलत सूचनाओं का प्रचार शामिल है। राजनाथ सिंह ने तकनीकी और आर्थिक रूप से मजबूत देशों से शांति अभियानों में अधिक सहयोग की अपील की।
संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र को वर्तमान चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने पुराने ढांचे से बाहर निकलकर सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे। हमें एक ऐसा तंत्र चाहिए जो सभी देशों की आवाज को सुने और मानवता को प्राथमिकता दे।
उन्होंने बताया कि भारत ने अब तक 50 से अधिक यूएन मिशनों में लगभग 2.9 लाख सैनिकों को भेजा है, जो अपनी बहादुरी और अनुशासन के लिए जाने जाते हैं। भारत न केवल सैनिक भेजता है, बल्कि तकनीक, प्रशिक्षण और अनुभव भी साझा करता है।
प्रशिक्षण में भारत की भूमिका
राजनाथ सिंह ने कहा कि नई दिल्ली में स्थित संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (CUNPK) ने 90 से अधिक देशों के सैनिकों को प्रशिक्षण दिया है। उन्होंने बताया कि भारत ने आत्मनिर्भरता के तहत कई स्वदेशी रक्षा तकनीकें विकसित की हैं, जैसे ड्रोन और निगरानी प्रणाली, जो यूएन मिशनों में सहायक साबित हो रही हैं।
महिलाओं की भागीदारी का महत्व
रक्षा मंत्री ने कहा कि शांति अभियानों में महिलाओं की भागीदारी एक महत्वपूर्ण बदलाव है। उन्होंने 2007 में लाइबेरिया में तैनात भारत की ऑल-विमेन पुलिस यूनिट का उल्लेख किया, जिसने वैश्विक स्तर पर एक मिसाल कायम की। आज भारतीय महिला अधिकारी कई देशों में यूएन मिशनों का हिस्सा हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का उद्देश्य विश्वगुरु बनना है, लेकिन दूसरों पर हावी होना नहीं। हमारा लक्ष्य साझा विकास और शांति के मार्ग पर चलना है। महात्मा गांधी की भूमि भारत हमेशा सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर खड़ा रहा है।
सम्मेलन में सीडीएस जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह, और 32 देशों के सैन्य प्रमुख शामिल हुए। यह सम्मेलन भारत के सिद्धांत वसुधैव कुटुम्बकम् (संपूर्ण विश्व एक परिवार है) को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।