भारत और मंगोलिया के बीच सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों की नई दिशा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत और मंगोलिया के बीच सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि साझा सांस्कृतिक विरासत और लोकतांत्रिक मूल्य इन संबंधों की नींव हैं। इस यात्रा का महत्व इस बात में है कि दोनों देश अपने संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। जानें कैसे भारत ने पिछले 25 वर्षों में मंगोलिया में कई सांस्कृतिक परियोजनाएं शुरू की हैं और भविष्य में सहयोग के नए आयामों को जोड़ने की योजना है।
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भारत और मंगोलिया के बीच सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों की नई दिशा

भारत-मंगोलिया संबंधों की मजबूती

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में कहा कि भारत और मंगोलिया के बीच साझा सांस्कृतिक विरासत और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित संबंध हैं। राष्ट्रपति भवन में मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए, उन्होंने बताया कि दोनों देश एक-दूसरे के लिए रणनीतिक और आध्यात्मिक पड़ोसी हैं। पिछले 25 वर्षों में, भारत ने मंगोलिया में बौद्ध मठों के पुनर्निर्माण और प्राचीन पांडुलिपियों के पुनर्मुद्रण जैसी कई सांस्कृतिक पहलों को शुरू किया है। मुर्मू ने यह भी कहा कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन एक मजबूत आधार प्रदान करेगा।


सहयोग के नए आयाम

राष्ट्रपति मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि अब समय आ गया है कि भारत और मंगोलिया के द्विपक्षीय संबंधों को सहयोग के समकालीन आयामों के साथ और विस्तारित किया जाए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच विकास और क्षमता निर्माण की साझेदारी को प्राथमिकता दी जा रही है, और सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई जा रही है।


70वीं वर्षगांठ का महत्व

राष्ट्रपति ने इस यात्रा को विशेष बताया, क्योंकि दोनों देश अपने संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में, भारत ने मंगोलिया में कई सांस्कृतिक परियोजनाएं शुरू की हैं, जो दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग को दर्शाती हैं।