भारत और न्यूजीलैंड के बीच एफटीए पर महत्वपूर्ण बातचीत

भारत के कॉमर्स और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने न्यूजीलैंड में एफटीए के संदर्भ में महत्वपूर्ण संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारत डेयरी, कृषि और एमएसएमई जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत में प्रगति हुई है, और गोयल ने यह स्पष्ट किया कि भारत ने अब तक किसी भी व्यापार समझौते में डेयरी या कृषि क्षेत्र में शुल्क रियायत नहीं दी है। जानें इस समझौते के संभावित लाभ और दोनों देशों के बीच सहयोग के अवसर।
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भारत और न्यूजीलैंड के बीच एफटीए पर महत्वपूर्ण बातचीत

भारत ने न्यूजीलैंड में एफटीए पर गंभीर संकेत दिए

भारत और न्यूजीलैंड के बीच एफटीए पर महत्वपूर्ण बातचीत

कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल

कॉमर्स और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने न्यूजीलैंड में एफटीए के संदर्भ में महत्वपूर्ण संकेत दिए हैं। उन्होंने बुधवार को कहा कि भारत डेयरी, कृषि और एमएसएमई जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के हितों की रक्षा के लिए सभी मुक्त व्यापार समझौतों में प्रतिबद्ध है और इस पर कोई समझौता नहीं होगा। गोयल ने बताया कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। वर्तमान में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी चौथे दौर की वार्ता में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी डेयरी, किसानों और एमएसएमई के हितों से समझौता नहीं करता है।


न्यूजीलैंड के लिए भारत की स्थिति

न्यूजीलैंड को भारत ने नहीं दी राहत

न्यूजीलैंड, जो विश्व का प्रमुख डेयरी उत्पादक है, की बाजार पहुंच बढ़ाने की मांग के संदर्भ में भारत की स्थिति महत्वपूर्ण मानी जा रही है। गोयल ने वेलिंगटन में संवाददाताओं से कहा कि दोनों देशों ने व्यापार समझौते में एक-दूसरे की संवेदनशीलता का सम्मान करने पर सहमति जताई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने अब तक किसी भी व्यापार समझौते में डेयरी या कृषि क्षेत्र में साझेदार देश को शुल्क रियायत नहीं दी है।


व्यापार अवसरों की तलाश

कहां तलाशा जा रहा अवसर?

जब वार्ता के अगले चरणों के बारे में पूछा गया, तो गोयल ने कहा कि शायद हमें अधिक चरणों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। व्यापार समझौते की दिशा में पहले ही उल्लेखनीय प्रगति हो चुकी है। उन्होंने संकेत दिया कि भारत कृषि प्रौद्योगिकी, विशेषकर डेयरी मशीनरी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के अवसर देख सकता है। गोयल ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन और व्यापार मंत्री टॉड मैकक्ले से मुलाकात की, जिसमें व्यापार समझौते से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई।


समझौते की सुरक्षा

हितों की रक्षा करने वाला होगा समझौता

गोयल ने संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि हम एक ऐसा समझौता करेंगे जो दोनों देशों के पारस्परिक हितों की रक्षा करेगा। यह सौदा सभी संवेदनशील मुद्दों पर विचार के बाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रक्षा, कृषि, अंतरिक्ष, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भारत-न्यूजीलैंड के बीच सहयोग की बड़ी संभावनाएं हैं। सेवाओं के संदर्भ में गोयल ने स्पष्ट किया कि एफटीए में सेवाओं पर एक अध्याय होगा, जिसमें कुशल पेशेवरों की आवाजाही, इंटर्नशिप, प्रशिक्षण और शैक्षणिक आदान-प्रदान जैसी व्यवस्थाएं होंगी।


समझौते में जल्दबाजी नहीं

एफटीए पर कोई जल्दबाजी नहीं

गोयल ने कहा कि हर देश के साथ समझौता उसकी आर्थिक क्षमता और आकार को देखते हुए किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी समझौते को जल्दबाजी में अंतिम रूप नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे गलतियां हो सकती हैं। न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री मैकक्ले ने कहा कि दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो रही है और अब दोनों सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे व्यवसायों के बीच मजबूत संबंध सुनिश्चित करें।