भारत और जर्मनी के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत में अरीहा शाह का मामला

अरीहा शाह कौन हैं?
अरीहा शाह एक चार वर्षीय भारतीय बच्ची हैं, जिन्हें उनके माता-पिता धारा और भवेश शाह से अलग कर जर्मनी में फोस्टर केयर में रखा गया है। यह अलगाव तब हुआ जब अरीहा को उनकी दादी द्वारा चोट लगी, जिसके बाद जर्मन अधिकारियों ने उन्हें संरक्षण में लिया और मामले को दुर्व्यवहार का मामला माना। अरीहा पिछले 46 महीनों से फोस्टर केयर में हैं और जर्मनी में एक जटिल कानूनी प्रक्रिया में फंसी हुई हैं। उनके माता-पिता का कहना है कि चोट अनजाने में लगी थी, लेकिन जर्मन न्याय प्रणाली के कारण वह अभी भी फोस्टर केयर में हैं.
विदेश मंत्री ने तत्काल रिहाई की मांग की
जैशंकर ने जर्मन विदेश मंत्री के साथ बातचीत के दौरान अरीहा शाह के मामले को उठाया और कहा, "मैंने अरीहा के मामले पर ध्यान दिया है, जो जर्मन अधिकारियों की देखरेख में हैं। मैंने जोर दिया कि उनके सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए और उन्हें भारतीय वातावरण में बड़ा किया जाना चाहिए। इस मामले का तत्काल समाधान आवश्यक है।"
भारतीय सरकार ने कब कदम उठाए?
भारतीय सरकार ने इस मामले में सक्रियता दिखाई जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा। इस पत्र में अरीहा को भारत लाने के लिए समर्थन मांगा गया। विदेश मंत्रालय का मानना है कि बच्चे के हितों की पूर्ण सुरक्षा केवल उसके देश में संभव है, जहां उसकी सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखा जा सके। भारत ने बार-बार जर्मन अधिकारियों से अरीहा को लौटाने और उसके सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह किया है।
अरीहा के माता-पिता की प्रतिक्रिया
शिंदे के पत्र के अनुसार, अरीहा के माता-पिता धारा और भवेश शाह, जो मुंबई से हैं, लगातार अपनी बेटी से मिलने और उसे वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। धारा शाह ने पहले चिंता व्यक्त की थी, कहती हैं, "अरीहा को अनाथालय भेज दिया गया है। हमें नहीं पता कि वह किसके साथ रहेगी। हम उसकी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं।"