भारत और कतर के बीच व्यापार को दोगुना करने की योजना

भारत और कतर के बीच व्यापार को 2030 तक दोगुना करने की योजना बनाई जा रही है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत जल्द ही शुरू होगी। इस समझौते से व्यापार को मौजूदा 14 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 30 अरब अमेरिकी डॉलर करने का लक्ष्य है। जानें इस ब्लूप्रिंट में और क्या खास बातें शामिल हैं।
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भारत और कतर के बीच व्यापार को दोगुना करने की योजना

भारत-कतर व्यापार संबंधों का विकास

भारत और कतर के बीच व्यापार को दोगुना करने की योजना

पीयूष गोयल ने बताया कि 2030 तक भारत और कतर के बीच व्यापार दोगुना हो सकता है।

भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का प्रभाव सबसे अधिक है। 50 प्रतिशत टैरिफ के कारण भारत के निर्यात में कमी आना स्वाभाविक है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होने की आशंका है। ऐसे में भारत ने उन विकल्पों की तलाश शुरू कर दी है, जो न केवल अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम कर सकें, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बना सकें। इसके लिए भारत ने मध्य पूर्व की ओर ध्यान केंद्रित किया है, विशेषकर उन खाड़ी देशों के साथ, जिनसे व्यापार तो है, लेकिन वह अपेक्षित स्तर पर नहीं है। भारत ने फ्री ट्रेड के अपने पुराने योजना को फिर से लागू किया है। इस बार, वाणिज्य मंत्री ने कतर को अपने साथ लिया है और एक ऐसा ब्लूप्रिंट तैयार किया है, जिससे अगले 5 वर्षों में, यानी 2030 तक, दोनों देशों के बीच व्यापार दोगुना हो सके। आइए जानते हैं कि पीयूष गोयल ने इस संदर्भ में क्या जानकारी साझा की है।

ब्लूप्रिंट की विशेषताएँ

कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कतर की यात्रा के दौरान कहा कि भारत और कतर जल्द ही एक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत की रूपरेखा को अंतिम रूप देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि यह समझौता अगले साल के मध्य या तीसरी तिमाही तक पूरा होने की संभावना है। गोयल ने कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी के साथ विचार-विमर्श किया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मुझे विश्वास है कि अगले साल के मध्य या तीसरी तिमाही तक हम एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने में सफल होंगे….

2030 तक व्यापार को दोगुना करने की योजना

मंत्री ने कहा कि हमने चर्चा की है कि हमें एफटीए वार्ता को शीघ्र प्रारंभ करना चाहिए। हम संदर्भ की शर्तों की रूपरेखा पर चर्चा कर रहे हैं और एक बार जब हम इसे अंतिम रूप दे देंगे, तो हम इसे आगे बढ़ाएंगे, ताकि व्यापार और व्यवसाय 2030 तक मौजूदा 14 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 30 अरब अमेरिकी डॉलर हो जाए। उन्होंने कहा कि मैं यहां कई अवसर और संभावनाएं देख सकता हूं। गोयल ने कृषि, खाद्य उत्पाद, गैर-पारंपरिक ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, डेटा सेंटर, पर्यटन, सौंदर्य प्रसाधन, फार्मा और कृत्रिम मेधा में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर जोर दिया।

कतर का भारत में निवेश

कतर के 10 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इसमें से 4-5 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश पहले ही हो चुका है और 1-1.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश लगभग अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि कतर भारत में अच्छे प्रवर्तकों और परियोजनाओं की तलाश में है और मुझे उम्मीद है कि सीआईआई और फिक्की जैसे हमारे संगठन निवेश के अच्छे अवसर प्रदान करेंगे। कतर खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार 2024-25 में 14.15 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक था.