भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा सहयोग को नई ऊंचाई, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति का संकल्प

भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा मंत्रियों की पहली वार्षिक बैठक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री-रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स
गुरुवार को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स के साथ मुलाकात की। यह दोनों देशों के बीच पहली बार आयोजित भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा मंत्रियों की वार्षिक बैठक थी। इस बैठक में दोनों देशों ने अपने रक्षा सहयोग को और मजबूत करने और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति बनाए रखने का संकल्प लिया।
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में बताया गया कि भारत और ऑस्ट्रेलिया अब थल, वायु, नौसेना और तकनीकी सहयोग के सभी क्षेत्रों में अपने संबंधों को बढ़ाएंगे। दोनों देशों ने हर साल रक्षा मंत्रियों की बैठक करने और नई योजनाओं को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। इस बैठक में पनडुब्बी बचाव सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और एयर-टू-एयर रीफ्यूलिंग समझौते को लागू करने की दिशा में प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया। साथ ही, संयुक्त अभ्यासों और सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
सबमरीन रेस्क्यू एक्सरसाइज में सहयोग
ऑस्ट्रेलिया ने भारत की एक्सरसाइज तरंग शक्ति 2024 में अपनी वायुसेना की भागीदारी पर संतोष व्यक्त किया है। वहीं, भारत ने ऑस्ट्रेलिया के एक्सरसाइज टैलिसमैन सेबर 2025 में भाग लेने की पुष्टि की। दोनों देशों ने भविष्य में सबमरीन रेस्क्यू एक्सरसाइज ब्लैक कैरिलन में सहयोग करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, रक्षा उद्योग से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया ने तकनीक, अनुसंधान और रक्षा उत्पादन में सहयोग करने का संकल्प लिया है। ऑस्ट्रेलिया ने भारत में रक्षा व्यापार मिशन की शुरुआत की है, जबकि भारत ने ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के जहाजों की मरम्मत और रखरखाव के लिए अपने शिपयार्ड उपलब्ध कराने की पेशकश की है।
2026 में ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री का भारत दौरा
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्वतंत्र नौवहन सुनिश्चित करने पर भी दोनों देशों ने सहमति व्यक्त की। दोनों मंत्रियों ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया मिलकर इस क्षेत्र को खुला, सुरक्षित और स्थिर बनाए रखने के लिए प्रयास करते रहेंगे। बैठक के अंत में, ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने 2026 में भारत आने और अगली वार्षिक बैठक में भाग लेने का निमंत्रण स्वीकार किया।