भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर केंद्रीय मंत्री का बयान

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत को सकारात्मक बताया है। उन्होंने किसानों, मछुआरों और छोटे उद्योगों के हितों की सुरक्षा की बात की। अमेरिका के साथ व्यापार बढ़ाने के उद्देश्य से यह वार्ता चल रही है, जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता के बारे में और क्या कहा गया है।
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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर केंद्रीय मंत्री का बयान

केंद्रीय मंत्री का महत्वपूर्ण बयान

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर केंद्रीय मंत्री का बयान

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बड़ा बयान दिया है.

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण माहौल में चल रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत किसानों, मछुआरों और छोटे उद्योगों (MSME) के हितों की पूरी सुरक्षा करेगा।

गोयल ने कहा, "मुझे लगता है कि बातचीत अच्छे माहौल में चल रही है। मैंने कई बार कहा है कि व्यापार समझौते (FTA) या कोई भी व्यापार वार्ता समय सीमा पर नहीं, बल्कि देश के हितों पर आधारित होती है। जब तक भारत के किसानों, मछुआरों और MSME सेक्टर के हित पूरी तरह सुरक्षित नहीं होंगे, तब तक कोई समझौता नहीं होगा।" केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि बातचीत रचनात्मक तरीके से जारी है और जब भी कोई निर्णय होगा, हम आपको अवश्य बताएंगे। यह बयान तब आया है जब अमेरिका भारत के कृषि क्षेत्र में कुछ रियायतें मांग रहा है।

भारत-अमेरिका व्यापार बढ़ाना है मकसद

भारत की ओर से वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में हाल ही में अमेरिका में व्यापारिक बातचीत हुई थी। पिछले महीने खुद पीयूष गोयल न्यूयॉर्क में एक प्रतिनिधिमंडल के साथ इन चर्चाओं में शामिल हुए थे। इस प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते का उद्देश्य भारत-अमेरिका के व्यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।

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अमेरिका सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका लगातार चौथे साल (202425) में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा। दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 131.84 अरब डॉलर का रहा, जिसमें 86.5 अरब डॉलर भारत के निर्यात रहे। हालांकि, कुछ अमेरिकी टैरिफ के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार पर असर पड़ा है। जैसे कुछ भारतीय उत्पादों पर 25% अतिरिक्त टैक्स और रूसी कच्चे तेल पर 25% आयात शुल्क। भारत ने इन टैक्सों को अनुचित और गैर-जरूरी बताया है।

दोनों देशों में बातचीत जारी

सरकारी सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों के बीच कई स्तरों पर बातचीत जारी है और दोनों विन-विन समाधान (win-win solution) की दिशा में काम कर रहे हैं। भारत का अमेरिका को निर्यात लगातार बढ़ रहा है, और लगभग 45% भारतीय निर्यात अमेरिकी टैक्स से बाहर हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि अमेरिका चीन पर निर्भरता कम करने के लिए सप्लाई चेन को बढ़ा रहा है, जिससे भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्दी पूरा होने की संभावना बढ़ गई है। दोनों पक्षों ने कहा है कि यह समझौता दोनों देशों के लिए लाभदायक रहेगा।