भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग का नया अध्याय

भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग का एक नया अध्याय शुरू हुआ है, जिसमें हाल की सफलताओं का जश्न मनाया गया। वाशिंगटन डीसी में आयोजित कार्यक्रम में निसार उपग्रह और एक्सिओम मिशन-4 की उपलब्धियों पर चर्चा की गई। भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने इस साझेदारी को वैज्ञानिक अन्वेषण और प्रौद्योगिकी विकास का एक गतिशील मंच बताया। शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा ने अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों की शक्ति को उजागर किया।
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भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग का नया अध्याय

भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग पर विशेष कार्यक्रम

15 सितंबर 2025 को वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास ने "भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग: भविष्य की साझेदारी की सीमाएँ" विषय पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर, पिछले कई दशकों में भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र में हुए सहयोग को उजागर किया गया और हाल की उपलब्धियों का जश्न मनाया गया, जिसमें निसार उपग्रह का प्रक्षेपण और भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला द्वारा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के दौरान एक्सिओम मिशन-4 शामिल हैं।


इस कार्यक्रम ने भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष साझेदारी के नए चरण की शुरुआत का संकेत दिया। अधिकारियों और अंतरिक्ष यात्रियों ने बताया कि कैसे दशकों का सहयोग अब चंद्रमा और मंगल मिशन के लिए रास्ता तैयार कर रहा है। कार्यक्रम का आयोजन इंडिया हाउस में हुआ।


इसमें हाल की उपलब्धियों का जश्न मनाया गया, जैसे कि नासा-इसरो का संयुक्त निसार उपग्रह और एक्सिओम मिशन-4, जिसने शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुँचाया। अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा ने इस साझेदारी को ‘वैज्ञानिक अन्वेषण, प्रौद्योगिकी विकास और वाणिज्यिक सहयोग को बढ़ावा देने वाला एक गतिशील मंच’ बताया।


उन्होंने यह भी कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम कम लागत में नवोन्मेष में एक वैश्विक अग्रणी के रूप में उभरा है और अमेरिका के साथ संयुक्त प्रयास आने वाले दशकों में मानव अंतरिक्ष उड़ानों की सीमाओं को और आगे ले जा सकते हैं।


नासा की अर्थ साइंस डिवीजन की निदेशक डॉ. कैरन सेंट जर्मेन ने निसार मिशन को ‘अंतरराष्ट्रीय सहयोग का एक आदर्श उदाहरण’ बताया, जिसने यह प्रदर्शित किया कि विशेषज्ञता के सहयोग से वैज्ञानिक उपलब्धियों को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है।


कार्यक्रम में नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, निक हेग और बुच विलमोर के साथ शुभांशु शुक्ला भी वर्चुअल रूप से शामिल हुए। शुक्ला ने कहा कि उनकी यात्रा ‘अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों की शक्ति और वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती भूमिका का प्रमाण है।’ दूतावास की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस कार्यक्रम में सरकार, अंतरिक्ष एजेंसियों, उद्योग, शिक्षाविदों और विचारक समूहों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।