भारत और EFTA के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौता TEPA लागू

भारत और यूरोप के चार देशों के संगठन EFTA के बीच TEPA समझौता लागू हो गया है, जिससे भारत को 100 अरब डॉलर का निवेश मिलने की उम्मीद है। यह समझौता आम लोगों को विदेशी महंगे उत्पादों को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने का वादा करता है। इसके अलावा, यह भारतीय पेशेवरों के लिए विदेशों में काम करने के नए अवसर भी खोलेगा। जानें इस समझौते के अन्य लाभ और इसके प्रभाव।
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भारत और EFTA के बीच व्यापार समझौता

भारत और यूरोप के चार देशों के समूह EFTA (European Free Trade Association) के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता अब प्रभावी हो गया है। इस समझौते का नाम TEPA, यानी Trade and Economic Partnership Agreement, रखा गया है।


इस समझौते के तहत भारत को 100 अरब डॉलर का निवेश मिलने की उम्मीद है, जिससे आम जनता को भी लाभ होगा। विशेष रूप से, जो लोग स्विस घड़ियों, चॉकलेट्स और प्रीमियम बिस्किट जैसे विदेशी उत्पादों के शौकीन हैं, उनके लिए यह एक अच्छी खबर है।


EFTA के सदस्य देश और भारत को होने वाले लाभ

EFTA में स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिचटेंस्टीन शामिल हैं। भारत का TEPA समझौता 10 मार्च 2024 को हस्ताक्षरित हुआ था और अब यह औपचारिक रूप से लागू हो चुका है। इस समझौते के माध्यम से भारत को अगले 15 वर्षों में कुल 100 अरब डॉलर का निवेश मिलने की संभावना है, जिसमें पहले 10 वर्षों में 50 अरब डॉलर और अगले 5 वर्षों में शेष 50 अरब डॉलर शामिल हैं।


सरकार को उम्मीद है कि इससे लगभग 10 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा। यदि EFTA देश निर्धारित निवेश नहीं करते हैं, तो भारत को यह अधिकार होगा कि वह उन्हें दी गई ड्यूटी छूट को वापस ले सके या उसमें संशोधन कर सके।


आम लोगों को मिलने वाले लाभ

TEPA के लागू होने से भारतीय उपभोक्ताओं को विदेशी महंगे उत्पाद अब सस्ते मिलेंगे। विशेष रूप से स्विट्जरलैंड की घड़ियों, प्रीमियम चॉकलेट्स, बिस्किट और किचन उत्पादों पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को धीरे-धीरे समाप्त किया जाएगा। हालांकि, कुछ उत्पाद जैसे दूध, सोया, कोयला और कुछ कृषि वस्तुओं को इस समझौते से बाहर रखा गया है, ताकि घरेलू किसानों और उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।


सेवाओं और व्यापार में नए अवसर

यह समझौता केवल उत्पादों तक सीमित नहीं है, बल्कि सेवा क्षेत्र में भी भारत के लिए कई नए अवसर खोलेगा। भारत ने अकाउंटिंग, कंप्यूटर, स्वास्थ्य और वितरण जैसे 105 क्षेत्रों में EFTA को प्रवेश दिया है। इसके बदले में, EFTA देशों ने भी भारत को अपने बाजारों में पहुंच प्रदान की है। इससे भारतीय पेशेवरों को विदेशों में काम करने के और अवसर मिलेंगे, विशेषकर स्वास्थ्य और आईटी क्षेत्रों में।