भारत-इजरायल मुक्त व्यापार समझौता: ऐतिहासिक समझौते पर लगी मुहर
भारत-इजरायल मुक्त व्यापार समझौता
भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और इज़रायल के अर्थव्यवस्था व उद्योग मंत्री नीर बरकात
भारत और इजरायल के बीच मुक्त व्यापार समझौता: भारत और इजरायल के बीच की पुरानी मित्रता अब एक नए कारोबारी चरण में प्रवेश कर चुकी है। आज तेल अवीव में एक महत्वपूर्ण घटना घटी, जहां लंबे समय से प्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की शर्तों को अंतिम रूप दिया गया। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अपने इजरायली समकक्ष नीर बरकात के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
तेल अवीव में विशेष घटनाक्रम
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस समय 60 सदस्यीय भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ इजरायल की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की प्रगति की समीक्षा करना था, और बुधवार को तेल अवीव से मिली खबरें सकारात्मक रहीं।
अब दोनों देशों के मंत्रियों ने मिलकर समझौते की शर्तों को अंतिम रूप दिया है और आधिकारिक तौर पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं। इस दौरान पीयूष गोयल और इजरायल के उद्योग मंत्री नीर बरकात ने द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और नवाचार को बढ़ाने के नए रास्तों पर भी चर्चा की। यह समझौता दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को नई गति प्रदान करेगा।
14 वर्षों का लंबा इंतजार
भारत और इजरायल के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत मई 2010 से चल रही है। अब तक दोनों देशों के बीच आठ दौर की लंबी वार्ता हो चुकी है। कुछ समय के लिए बातचीत में ठहराव आया था, लेकिन अक्टूबर 2021 में दोनों पक्षों ने फिर से बातचीत शुरू करने पर सहमति जताई थी।
यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब व्यापारिक आंकड़ों में गिरावट देखी गई थी। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत से इजरायल को होने वाला निर्यात पिछले साल के 4.52 अरब डॉलर से घटकर 2.14 अरब डॉलर रह गया था। वहीं, आयात में भी कमी आई थी। ऐसे में, एफटीए की शर्तों पर मुहर लगना दोनों देशों के व्यापार को पुनः पटरी पर लाने और उसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
व्यापार में बदलाव: हीरे से हाई-टेक तक
यह जानना आवश्यक है कि हम इजरायल के साथ किस प्रकार का व्यापार करते हैं। भारत एशिया में इजरायल का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। पारंपरिक रूप से हमारा व्यापार मुख्य रूप से हीरे, पेट्रोलियम उत्पाद और रसायनों पर निर्भर रहा है। लेकिन समय के साथ अब इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी, हाई-टेक उत्पाद, संचार प्रणालियों और चिकित्सा उपकरणों जैसे आधुनिक क्षेत्रों में भी लेन-देन बढ़ा है।
भारत की ओर से इजरायल को मोती, कीमती पत्थर, मोटर वाहन डीजल, मशीनरी, वस्त्र, परिधान और कृषि उत्पादों का निर्यात बड़े पैमाने पर किया जाता है। इस समझौते के बाद उम्मीद है कि इन भारतीय उत्पादों की पहुंच इजरायली बाजार में और आसान हो जाएगी, जिससे भारतीय निर्माताओं और किसानों को सीधा लाभ मिल सकता है।
