भारत-अमेरिका संबंधों पर शशि थरूर की टिप्पणी: एच-1बी वीज़ा शुल्क वृद्धि का प्रभाव
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में एच-1बी वीज़ा शुल्क और अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इसे भारत के लिए एक अल्पकालिक झटका बताया, लेकिन दीर्घकालिक संबंधों में संतुलन की उम्मीद जताई। थरूर ने अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की संख्या और दोनों देशों के बीच सहयोग के क्षेत्रों पर भी प्रकाश डाला। इस लेख में जानें कि थरूर ने अमेरिकी नीतियों की आलोचना कैसे की और भविष्य में संबंधों की दिशा के बारे में क्या कहा।
Sep 23, 2025, 12:09 IST
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भारत को एच-1बी वीज़ा शुल्क में वृद्धि का झटका
कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने हाल ही में कहा कि एच-1बी वीज़ा शुल्क और अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि ने भारत को "तुरंत अल्पकालिक झटका" दिया है, जिसका प्रभाव नौकरियों और व्यापार पर पड़ रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह द्विपक्षीय संबंधों के लिए कोई स्थायी नुकसान नहीं है, क्योंकि दोनों देशों के दीर्घकालिक हित अंततः संतुलन स्थापित करेंगे। पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने मंगलवार को एक समाचार एजेंसी को बताया कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सूचना प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग जारी है।
थरूर ने यह भी बताया कि अमेरिका में 50 लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग निवास करते हैं, जिनमें सिलिकॉन वैली के छात्र और सीईओ शामिल हैं। उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कहूँगा कि यह कोई वापसी का बिंदु नहीं है। मेरा मानना है कि दोनों देशों के दीर्घकालिक हित हमें फिर से बराबरी पर लाएँगे। यह निश्चित रूप से अल्पावधि में एक बड़ा झटका है, जिसके कारण भारत में नौकरियाँ खत्म हो रही हैं।"
उन्होंने हाल के अमेरिकी नीतिगत कदमों की आलोचना की और उन्हें "अनुचित" और "अपमानजनक" बताया, विशेषकर दीर्घकालिक व्यापार संबंधों और भारत द्वारा रूसी तेल खरीद पर दंडात्मक कार्रवाई न करने के संदर्भ में। थरूर ने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों सरकारें विभिन्न स्तरों पर बातचीत जारी रखेंगी और रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग को बनाए रखेंगी।
हालांकि आयातित भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ और एच-1बी वीज़ा आवेदन शुल्क में वृद्धि के बावजूद, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता और दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत जारी है। लाखों भारतीय एच-1बी वीज़ा के तहत अमेरिका में निवास कर रहे हैं। शुल्क वृद्धि केवल नए आवेदनों पर लागू है, लेकिन राष्ट्रपति की इस घोषणा ने कुछ समय के लिए समुदायों में चिंता पैदा कर दी थी।