भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में लाल रेखाएँ: जयशंकर

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने हाल ही में अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में कुछ महत्वपूर्ण 'लाल रेखाओं' का उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि वार्ताएँ अभी भी जारी हैं और दोनों पक्षों के बीच बातचीत हो रही है। ऑपरेशन सिंदूर पर भी उन्होंने जानकारी साझा की, जिसमें अमेरिका और अन्य देशों से फोन कॉल का जिक्र किया। हालांकि, अमेरिकी टीम अगले दौर की वार्ता के लिए भारत नहीं आ रही है, जो पहले 25 अगस्त को निर्धारित थी। जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता के बारे में और क्या है इसके पीछे की कहानी।
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भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में लाल रेखाएँ: जयशंकर

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शनिवार को स्पष्ट किया कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता वार्ता में कुछ 'लाल रेखाएँ' हैं, और केंद्र इस मामले पर अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है।


उन्होंने ET वर्ल्ड लीडर्स फोरम में कहा, 'वार्ताएँ अभी भी चल रही हैं। मुख्य बात यह है कि हमारे पास कुछ लाल रेखाएँ हैं। वार्ताएँ इस अर्थ में चल रही हैं कि किसी ने नहीं कहा कि वार्ताएँ बंद हैं। लोग एक-दूसरे से बात कर रहे हैं।'


जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, 'अमेरिका और अन्य देशों से फोन कॉल किए गए थे। यह कोई रहस्य नहीं है। मेरे मामले में, हर अमेरिकी फोन कॉल मेरे 'X' खाते पर है... यह कहना कि एक मध्यस्थता हुई या यह कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो परिणाम निकला वह बातचीत नहीं की गई, यह गलत है; यह बातचीत हुई थी।'



सरकारी सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी टीम अगले दौर की द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के लिए भारत नहीं आ रही है।


टीम का आगमन 25 अगस्त को छठे दौर की वार्ता के लिए निर्धारित था।


सरकारी सूत्रों ने बताया, 'अमेरिकी व्यापार टीम भारत नहीं आ रही है। अमेरिकी टीम 25 अगस्त को भारत आने वाली थी।'


पहले ही पांच दौर की वार्ताएँ हो चुकी हैं, जिसमें अंतिम दौर 14-18 जुलाई 2025 को वाशिंगटन डीसी में हुआ था। भारत और अमेरिका प्रमुख क्षेत्रों में टैरिफ छूट और बाजार पहुंच पर चर्चा कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य एक अंतरिम समझौता अंतिम रूप देना है।


ये वार्ताएँ विभिन्न क्षेत्रों को कवर करती हैं, जिनमें बाजार पहुंच, संक्रामक और फाइटोसैनिटरी उपाय (SPS), व्यापार में तकनीकी बाधाएँ (TBT), डिजिटल व्यापार, सीमा शुल्क और व्यापार सुविधा शामिल हैं। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने गहन वार्ताओं में भाग लिया है, जिससे संतुलित समझौते की दिशा में प्रगति हो रही है।