भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस की विदेश नीति पर उठाए सवाल

कांग्रेस पर निशाना
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को कांग्रेस की विदेश नीति पर तीखा हमला किया। प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पाकिस्तान के जाल में फंस गई है। दुबे ने कहा कि कांग्रेस यह मानती है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर को अमेरिका के व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस, ने पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी है। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी यही कह रही है कि जनरल असीम मुनीर अमेरिका जा रहे हैं, जो कि एक पाकिस्तान का जाल है।
अमेरिका की भूमिका पर सवाल
दुबे ने स्पष्ट किया कि व्हाइट हाउस या अमेरिकी सेना ने कभी भी असीम मुनीर को आमंत्रित नहीं किया। उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग और जयराम रमेश में क्या अंतर है। इसके अलावा, उन्होंने 1985 में कनिष्क बम धमाके की जांच में देरी का भी जिक्र किया, जो 2006 में शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि कनाडा के पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो के पिता ने इंदिरा गांधी के पत्रों का जवाब नहीं दिया और खालिस्तानी आतंकवादियों को शरण दी।
भारत की विदेश नीति का इतिहास
दुबे ने 1948 में इजरायल और फिलिस्तीन के निर्माण का उल्लेख करते हुए कहा कि नेहरूजी ने उस समय फिलिस्तीन का समर्थन किया था। लेकिन 1950 में उन्होंने मुंबई में गुप्त रूप से व्यापार कार्यालय खोला। 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान इजरायली हथियारों का उपयोग किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि 1992 में दिल्ली में पहला इजरायली दूतावास खोला गया।
भारत की वर्तमान स्थिति
दुबे ने कहा कि 1948 से 2014 तक भारत ने 50 से अधिक बार UN सुरक्षा परिषद में इजराइल का समर्थन किया या इससे परहेज किया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत फिलिस्तीन के नागरिकों के साथ है और 2020 से अब तक लगभग 200 मिलियन की मदद दी है। इस बजट में भी फिलिस्तीन के लिए 39 मिलियन रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमास इजराइल पर हमला करता है, तो क्या हम हमास जैसे आतंकवादी संगठन का समर्थन कर रहे हैं? उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की विदेश नीति केवल नेहरू-परिवार पर केंद्रित थी, जिसका खामियाजा देश भुगत रहा है।