भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव की सदस्यता बहाल, पटना हाईकोर्ट का फैसला

मिश्रीलाल यादव की सदस्यता बहाली
राज्य विधानसभा सचिवालय ने बुधवार को अलीनगर से भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव की सदस्यता को बहाल कर दिया। यह निर्णय पटना उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में उनकी दोषसिद्धि को रद्द करने के बाद लिया गया। एक अधिसूचना के अनुसार, विधानसभा सचिवालय ने 20 जून को जारी अपने पूर्व आदेश को रद्द कर दिया, जिसके तहत यादव की सदस्यता समाप्त की गई थी। अब उनकी सदस्यता पूर्वव्यापी प्रभाव से बहाल कर दी गई है।
भाजपा विधायक की सदस्यता बहाल करने की प्रक्रिया
बुधवार को विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक यादव की सदस्यता को अब बहाल किया गया है। उन्हें पहले दरभंगा जिले की सांसद-विधायक अदालत द्वारा मारपीट के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित किया गया था।
पटना हाईकोर्ट से मिली राहत
अधिसूचना में उल्लेख किया गया है कि यह निर्णय पटना उच्च न्यायालय के 18 जुलाई के आदेश के बाद लिया गया, जिसमें अधीनस्थ अदालत के फैसले को रद्द कर दिया गया था। दरभंगा की सांसद-विधायक अदालत ने यादव और उनके सहयोगी को 2019 के मारपीट के मामले में इस साल 27 मई को दो-दो साल की सजा सुनाई थी।
सजा और जुर्माना
विशेष सांसद-विधायक अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर ने यादव और उनके सहयोगी पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। यादव ने पहले अदालत द्वारा सुनाई गई तीन महीने की जेल और 500 रुपये के जुर्माने के खिलाफ अपील की थी। दरभंगा की विशेष सांसद-विधायक अदालत ने जनवरी 2019 में उमेश मिश्रा को जानबूझकर चोट पहुंचाने के मामले में दोनों को फरवरी में तीन-तीन महीने की सजा सुनाई थी।
अदालत के फैसले का प्रभाव
उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया और अदालत ने 27 मई, 2025 को सजा बढ़ाने संबंधी मिश्रा की याचिका को स्वीकार कर लिया। अदालत ने उनकी सजा को बढ़ाकर दो साल कर दिया। पीड़ित ने शिकायत में कहा था कि 29 जनवरी 2019 को विधायक और उनके साथियों ने उनके घर के बाहर उन पर हमला किया था।