भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने तेजस्वी यादव की टिप्पणियों पर उठाए सवाल

भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने तेजस्वी यादव की बिहार में रोजगार सृजन और महिला कल्याण पर की गई टिप्पणियों की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी को जनता के साथ मजाक करना बंद करना चाहिए और उनकी असली मंशा को समझने की आवश्यकता है। त्रिवेदी ने नीतीश कुमार की सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण के लिए किए गए प्रयासों का भी उल्लेख किया। इस बीच, तेजस्वी यादव ने महिलाओं के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की है। जानें इस राजनीतिक विवाद के बारे में और क्या कहा गया।
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भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने तेजस्वी यादव की टिप्पणियों पर उठाए सवाल

तेजस्वी यादव की टिप्पणियों पर भाजपा की प्रतिक्रिया

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुधांशु त्रिवेदी ने बुधवार को बिहार में रोजगार सृजन और महिला कल्याण पर राजद नेता तेजस्वी यादव की टिप्पणियों की आलोचना की। त्रिवेदी ने कहा कि तेजस्वी को बिहार की जनता के साथ मजाक करना बंद करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि राजद नेताओं की बातों के पीछे की असली मंशा को समझने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए, जब तेजस्वी यादव ने 10 लाख या 20 लाख नौकरियों का वादा किया, तो जनता शायद उनकी वास्तविक भावना को नहीं समझ पाई, लेकिन भाजपा ने इसे समझ लिया। 


 


त्रिवेदी ने कहा कि उनकी असली भावना यह प्रतीत होती है कि सरकारी नौकरी के बदले, वे लोगों का घर ले लेंगे, जैसे उन्होंने पहले उनकी जमीन ले ली थी। महिला कल्याण के संदर्भ में, उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में महिलाओं का जीवन और सम्मान गंभीर खतरे में था, और बिहार आज भी उस दौर को नहीं भूल पाया है।


 


भाजपा नेता ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण के लिए किए गए प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य में कई योजनाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा कि हर घर में शौचालय, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, मुद्रा योजना, लखपति दीदी और ड्रोन दीदी जैसी योजनाएं हमारी 10 साल की सोच का प्रमाण हैं।


 


त्रिवेदी ने कहा कि तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरियों का वादा किया, लेकिन इसका असली अर्थ यह है कि वे 10 लाख रुपये में नौकरी देंगे, जिसका मतलब है कि अब वे नौकरी के लिए घर और संपत्ति लेंगे, जैसे पहले वे जमीन लेते थे।


 


इससे पहले, तेजस्वी यादव ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने पर जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी के रूप में स्थायी किया जाएगा और उनका वेतन 30,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा। उन्होंने विधानसभा चुनाव के नजदीक माई बहन मान योजना के तहत 10,000 रुपये देने के निर्णय पर भी कटाक्ष किया और इसे 'रिश्वत' करार दिया।