भाजपा ने तेजस्वी यादव के बयान पर कड़ा हमला किया

भाजपा ने बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के वक्फ संशोधन अधिनियम पर दिए विवादास्पद बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राजद और समाजवादी पार्टी जैसे दल समाजवाद का मुखौटा ओढ़े हुए हैं, लेकिन गरीब मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने तेजस्वी यादव के बयान को संविधान का अपमान बताते हुए कहा कि यह वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है। जानें इस बयानबाजी के पीछे की पूरी कहानी और भाजपा का क्या कहना है।
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भाजपा ने तेजस्वी यादव के बयान पर कड़ा हमला किया

भाजपा का तेजस्वी यादव पर आरोप

भाजपा ने बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर रविवार को पटना में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान के लिए कड़ी प्रतिक्रिया दी। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राजद और समाजवादी पार्टी जैसी राजनीतिक संस्थाएं, जो समाजवाद का मुखौटा ओढ़े हुए हैं, गरीब और उत्पीड़ित मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ी नहीं हो रही हैं। इसलिए, राजद और सपा का समाजवाद असली समाजवाद नहीं है। इसे नमाजवाद कहना अधिक उचित होगा।


 


सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि हाल ही में हमने भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्याय आपातकाल के 50 वर्ष पूरे किए हैं। यह दुखद है कि पटना के गांधी मैदान में, जहां आपातकाल के दौरान संविधान की रक्षा के लिए लाखों लोग एकत्र हुए थे, वहां तेजस्वी यादव ने कहा कि संसद के कानून को (वक्फ बोर्ड कानून) कूड़ेदान में फेंक देंगे। यह कानून दोनों सदनों से पारित हो चुका है और न्यायालय में विचाराधीन है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि न तो संसद और न ही न्यायपालिका का सम्मान किया जा रहा है।


 


भाजपा नेता ने तंज करते हुए कहा कि वोट बैंक की चाहत में तेजस्वी यादव द्वारा जो कुछ कहा गया है, वह संविधान को कूड़ेदान में फेंकने की मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कुरान में 'वक्फ' जैसा कोई शब्द नहीं है; यह मुल्लाओं और मौलवियों द्वारा गढ़ा गया है। इस्लाम खर्च करने और देने की शिक्षा देता है, न कि संग्रह करने की। यह बाबा साहब के संविधान का मजाक उड़ाने के समान है, इसे धर्मनिरपेक्ष दस्तावेज़ से मौलवियों की स्क्रिप्ट में बदलने का प्रयास है।


 


उन्होंने कहा कि ये समाजवादी अल्पसंख्यकों की भी चिंता नहीं करते। मुल्ला-मौलवियों के आगे झुककर ये 'समाजवाद' को 'नमाजवाद' में बदलना चाहते हैं। 'आरजेडी और कांग्रेस पक्के नमाजवादी हैं, कठमुल्ला वोटों की तड़प में हैं।' मैं बिहार के लोगों से कहना चाहता हूं कि उनके सामने दो विकल्प हैं। एक तरफ इंडी गठबंधन है, जो सत्ता में आने पर शरिया लागू करने की कोशिश करेगा, और दूसरी तरफ हमारी सरकार है, जो बाबा साहब के संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।


 


विपक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यदि वे कभी सत्ता में आए, तो यह संभव नहीं है, लेकिन वे बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को कूड़ेदान में फेंक देंगे और शरिया कानून लागू करेंगे। यह कोई अतिशयोक्ति नहीं है। याद रखें, भारत में सरकार ने केवल एक बार 400 सीटें पार की हैं - 1985 में। और फिर क्या हुआ? शाहबानो मामले को देखें। उस 400 से अधिक की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को कुचल दिया और शरिया कानून को संविधान से ऊपर रख दिया।