भाजपा ने 60 सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिया

भाजपा ने बिहार में 60 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की अंतिम सूची को मंजूरी दे दी है। इस प्रक्रिया में केंद्रीय चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड की भूमिका महत्वपूर्ण है। शेष सीटों पर अभी भी चर्चा जारी है, जिसमें राजग के सहयोगियों के बीच दावेदारी शामिल है। आगामी बैठक में सीट बंटवारे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। जानें इस चुनावी प्रक्रिया के बारे में और अधिक जानकारी।
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भाजपा ने 60 सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिया

भाजपा की उम्मीदवारों की अंतिम सूची पर मुहर

भाजपा ने 60 सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिया

पटना। शनिवार की शाम को भाजपा के कोर ग्रुप ने बिहार में प्रत्याशियों की अंतिम सूची को मंजूरी दे दी है। अब केंद्रीय चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड को इस सूची पर अंतिम निर्णय लेना है।

भाजपा ने लगभग 60 सीटों पर एक-एक प्रत्याशी के नाम को अंतिम रूप दे दिया है, जबकि बाकी 65 सीटों पर अभी भी दो से तीन नामों पर विचार चल रहा है।

इस स्थिति का कारण राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के सहयोगियों जैसे जदयू, लोजपा (रा), हम और रालोमो के बीच सीटों को लेकर चल रही दावेदारी है।

शनिवार को बिहार भाजपा कोर ग्रुप की दो बैठकें बिहार प्रभारी विनोद तावड़े के निवास पर हुईं। इसके बाद सूची भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को सौंपी गई।

चूंकि टिकट के दावेदारों की संख्या अधिक थी, नड्डा ने तावड़े और बिहार के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठक कर सूची की गहनता से समीक्षा की।

नड्डा का उद्देश्य प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया को सरल बनाना है। अब उम्मीद है कि रविवार को सीटों के तालमेल के साथ राजग के घटक दलों को अंतिम संख्या सूचित कर दी जाएगी।

रविवार को अमित शाह के साथ बैठक
पटना में पूर्व सांसद अरुण कुमार के जदयू में शामिल होने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता ललन सिंह और कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा दिल्ली पहुंच चुके हैं।

एनडीए के घटक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी, लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं।

सभी नेताओं की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ संयुक्त बैठक रविवार को प्रस्तावित है, जिसमें सीट बंटवारे के प्रारूप पर अंतिम मुहर लग सकती है।