भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया के अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। पार्टी ने आरएसएस के नेताओं और संभावित उम्मीदवारों के साथ गहन चर्चा की है। उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद, भाजपा इस नाम की औपचारिक घोषणा कर सकती है। चयन में जातिगत समीकरण, लोकप्रियता और राजनीतिक विचारों को ध्यान में रखा जा रहा है। जानें इस प्रक्रिया में क्या-क्या शामिल है और किन प्रमुख नेताओं से संपर्क किया गया है।
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भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में

भाजपा के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का चयन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा के करीब पहुँच रही है। पार्टी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं और संभावित उम्मीदवारों के साथ गहन चर्चा की है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद, जो 9 सितंबर को होगा, और बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले इस नाम की औपचारिक घोषणा कर सकती है। कई कारणों से चयन में हुई देरी अब समाप्त होने की ओर है।


सुझाव मांगने की प्रक्रिया

रिपोर्ट में बताया गया है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और आरएसएस ने लगभग 100 प्रमुख हस्तियों से संपर्क किया है ताकि वे नए अध्यक्ष के लिए सुझाव दे सकें। इस परामर्श में पूर्व भाजपा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री और ऐसे नेता शामिल हैं जो पहले महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों पर रह चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, पार्टी अपने वरिष्ठ मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों से भी संपर्क कर रही है ताकि वे नए अध्यक्ष के चयन पर अपनी राय दे सकें।


जातिगत समीकरण और राजनीतिक विचार

नए अध्यक्ष के चयन में जातिगत समीकरण, लोकप्रियता और राजनीतिक विचारों को ध्यान में रखा जा रहा है। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा में भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई गई थी। सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने 86 प्रमुख नेताओं से संपर्क किया है ताकि उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त की जा सके, जिससे उन्हें अगले कदम उठाने में सहायता मिल सके। जिन नेताओं से बात की गई, उनमें कुछ कैबिनेट के प्रमुख मंत्री भी शामिल हैं।


राज्यों में अध्यक्षों की घोषणा में देरी

इस प्रक्रिया में देरी का मुख्य कारण कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा जैसे प्रमुख राज्यों में अध्यक्षों के नामों की घोषणा में हुई देरी है। इसके अलावा, दिल्ली, मुंबई, पंजाब और मणिपुर में भी नए अध्यक्षों की घोषणा अभी बाकी है। भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव में आगे बढ़ने के लिए पार्टी को 36 में से कम से कम 19 राज्यों में अध्यक्षों की घोषणा करनी होगी।