भाजपा और कांग्रेस के बीच वोट चोरी के आरोपों पर गरमा-गर्मी

राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों के बीच भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस छिड़ गई है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने पवन खेड़ा पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उनके पास दो सक्रिय ईपीआईसी नंबर हैं। इस पर पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग से सवाल उठाए हैं और अपनी स्थिति स्पष्ट की है। जानें इस राजनीतिक विवाद के सभी पहलुओं के बारे में।
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भाजपा और कांग्रेस के बीच वोट चोरी के आरोपों पर गरमा-गर्मी

भाजपा ने उठाए गंभीर सवाल

राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी के आरोपों के चलते भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच तीखी बहस चल रही है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार को जानकारी दी कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के पास दो सक्रिय ईपीआईसी नंबर हैं। उनके अनुसार, एक नंबर जंगपुरा और दूसरा नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित है, जो क्रमशः पूर्वी दिल्ली और नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्रों में आते हैं। मालवीय ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि वह यह जांचे कि पवन खेड़ा के पास दो सक्रिय ईपीआईसी नंबर कैसे हैं और क्या उन्होंने एक से अधिक बार मतदान किया है, जो कि चुनावी कानून का उल्लंघन है।


भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

भाजपा नेता ने पवन खेड़ा के दो निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता के रूप में पंजीकरण की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, "कांग्रेस एक आदर्श वोट चोर है। इसलिए वे सभी को एक ही ब्रश से कलंकित करना चाहते हैं।" इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भी यही सवाल उठा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना आवश्यक है और यह सूची भाजपा नेताओं के साथ-साथ चुनाव आयोग के पास भी उपलब्ध है।


खेड़ा ने उठाए गंभीर सवाल

खेड़ा ने यह भी कहा कि कांग्रेस बार-बार सूची मांगती है, लेकिन उसे कभी नहीं मिलती। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से उनके नाम पर किसे वोट डालने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की मांग की और कहा कि उन्होंने 2016 में वहां से अपना नाम हटवाने की प्रक्रिया पूरी की थी, फिर भी उनका नाम वहां क्यों है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि राहुल गांधी 7 अगस्त से इस मुद्दे को चुनौती दे रहे हैं और भारत के हर निर्वाचन क्षेत्र में ऐसे सैकड़ों-हजारों नाम हैं जिनका दुरुपयोग किया जा रहा है।


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