भाई-बहन ने 12 साल बाद लौटाया मूंगफलीवाले का कर्ज, किया दिल छू लेने वाला काम

आंध्र प्रदेश में एक भाई-बहन ने 12 साल बाद अपने बचपन के मूंगफलीवाले का कर्ज चुकाया। अमेरिका से लौटने के बाद, उन्होंने उस गरीब ठेलेवाले के परिवार की मदद करने का निर्णय लिया। जानें कैसे विधायक की मदद से उन्होंने सत्तैया के परिवार को 25,000 रुपये दिए। यह कहानी इंसानियत और निस्वार्थता की एक अद्भुत मिसाल है।
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अच्छे लोगों की मिसाल

इस दुनिया में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के लोग मौजूद हैं। हालांकि, यह कहना गलत नहीं होगा कि स्वार्थी व्यक्तियों की संख्या अधिक है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि निस्वार्थ लोग अब नहीं हैं। आंध्र प्रदेश में एक दिल को छू लेने वाली घटना ने यह साबित कर दिया है। अमेरिका से लौटे एक भाई-बहन ने ऐसा कार्य किया है, जिसके लिए लोग उनकी सराहना कर रहे हैं।


12 साल पहले की घटना

12 साल पहले, भाई-बहन ने एक गरीब ठेलेवाले से मुफ्त में मूंगफली ली थी। जब वे अमेरिका से लौटे, तो उन्होंने उस ठेलेवाले के परिवार की मदद करने का निर्णय लिया। यह घटना 2010 की है, जब नेमानी प्रणव और सुचिता अपने पिता मोहन के साथ आंध्र प्रदेश के यू कोथापल्ली बीच पर गए थे। उस समय उनके पास पैसे नहीं थे, क्योंकि वे अपना पर्स घर पर भूल गए थे।


उधार के पैसे चुकाने का वादा

भाई-बहन ने ठेलेवाले सत्तैया को अपनी स्थिति बताई, और उसने बिना पैसे मांगे उन्हें मूंगफली दे दी। मोहन ने वादा किया कि वह उधार के पैसे चुकाएंगे। उन्होंने सत्तैया की एक फोटो भी ली थी, लेकिन NRI होने के कारण उन्हें अमेरिका लौटना पड़ा और वे अपना कर्ज नहीं चुका पाए।


भारत लौटने पर खोज शुरू

अमेरिका में रहने के दौरान भी भाई-बहन को सत्तैया के पैसे चुकाने की बात याद रही। हाल ही में जब वे भारत आए, तो उन्होंने सत्तैया को खोजने का निर्णय लिया। हालांकि, उन्हें बहुत खोजने पर भी सत्तैया नहीं मिला। अंततः, उन्होंने काकीनाडा के विधायक चंद्रशेखर रेड्डी से मदद मांगी।


सत्तैया के परिवार को आर्थिक सहायता

विधायक ने फेसबुक पर एक पोस्ट के माध्यम से सत्तैया को खोजने की कोशिश की। कुछ समय बाद पता चला कि सत्तैया का निधन हो चुका है। यह सुनकर नेमानी प्रणव और सुचिता दुखी हुए और उन्होंने सत्तैया के परिवार से मिलने उनके गांव जाने का निर्णय लिया। वहां उन्होंने सत्तैया के परिवार को 25,000 रुपये की सहायता दी।