भविष्यवाणियों के अनुसार 2025 में भूकंप और आपदाओं का खतरा
भविष्यवाणियों का आधार
ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर भविष्यवाणियां की जाती हैं, जिसमें न केवल 12 राशियों का ध्यान रखा जाता है, बल्कि वैश्विक घटनाओं जैसे आपदाएं, आर्थिक संकट, राजनीतिक उथल-पुथल, युद्ध और हिंसा की भी भविष्यवाणी की जाती है। वर्ष 2025 विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस वर्ष शनि ग्रह राशि परिवर्तन कर रहा है। शनि का गोचर 29 मार्च 2025 को होगा, जो कि पहले सूर्य ग्रहण के साथ मेल खा रहा है। इससे पहले ही, 28 मार्च को थाईलैंड और म्यांमार में एक भयानक भूकंप आया है, जिसने व्यापक नुकसान किया है।
शनि के गोचर से पहले का जलजला
आंकड़ों के अनुसार, जब भी शनि ने मीन राशि में प्रवेश किया है, तब दुनिया में बड़ी तबाही आई है। उदाहरण के लिए, 1937 में शनि के मीन में प्रवेश करने पर दूसरा विश्व युद्ध शुरू हुआ था। इसी तरह, 1965-66 में जब शनि ने मीन राशि में गोचर किया, तब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ। अब, 29 मार्च 2025 को शनि के मीन में प्रवेश करने से एक दिन पहले ही थाईलैंड और म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया है।
ग्रहण से पहले की स्थिति
भारतीय ज्योतिष के अनुसार, सूर्य या चंद्र ग्रहण के दौरान भूकंप नहीं आते, लेकिन ग्रहण के पहले और बाद में भूकंप आने की संभावना रहती है। पूर्णिमा या अमावस्या के बाद भूकंप आने की संभावना अधिक होती है। 29 मार्च 2025 को सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या दोनों हो रहे हैं।
आगामी ढाई साल का पूर्वानुमान
शनि अगले ढाई साल तक मीन राशि में रहेगा, जिसके दौरान कई आपदाओं और युद्धों की आशंका है। भविष्यवाणियों के अनुसार, यह समय वैश्विक स्तर पर घातक साबित हो सकता है। तीसरे विश्व युद्ध की संभावनाएं भी बन रही हैं। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे ग्लेशियर पिघलने और समुद्री तटों के डूबने का खतरा है।
