भविष्यवाणियों का रहस्य: क्या सच में बदलने वाला है भारत का भविष्य?
भविष्यवाणियों की चर्चा
फ्रांस के भविष्यवक्ता मिशेल द नोस्त्रदाम, भारत के संद अच्युतानंद दास और बुल्गारिया की बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों के बारे में तो सभी ने सुना होगा, लेकिन कुछ भविष्यवाणियों पर ध्यान कम ही दिया गया है।
इन भविष्यवाणियों में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि नास्त्रेदमस और अच्युतानंद दोनों ने कहा है कि एक विशाल उल्कापिंड पृथ्वी पर गिरेगा, जिससे कई देश समुद्र में डूब जाएंगे। इसके अलावा, दोनों ने भारत में एक महान नेता के जन्म की भविष्यवाणी की है, जो दुनिया को बदल देगा। तीनों भविष्यवक्ताओं ने तीसरे विश्व युद्ध की भी बात की है।
नास्त्रेदमस ने कहा है कि 'सागरों के नाम वाला धर्म चांद पर निर्भर रहने वालों से तेजी से पनपेगा' और 'तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा।'
अच्युतानंद ने भविष्यवाणी की है कि रूस एक हिंदू देश बन जाएगा और वहां से लोग जगन्नाथजी के दर्शन के लिए आएंगे।
एनी वेसेंट ने हिंदू धर्म को विश्व का सर्वोच्च धर्म बताया और कहा कि इसके बिना भारत का कोई भविष्य नहीं है।
फ्रांस के नोबेल पुरस्कार विजेता दार्शनिक रोमां रोला ने भी हिंदू धर्म को सर्वश्रेष्ठ माना है।
भविष्यवक्ता ऑर्थर चालर्स क्लार्क ने कहा था कि भारत एक शक्तिशाली देश बनेगा और वहां से एक विचार क्रांति उठेगी।
पीटर हरकौस ने भविष्यवाणी की है कि भारत में आध्यात्मिकता की लहर पूरे विश्व में छा जाएगी।
जूल्स वर्ने ने भविष्यवाणी की थी कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होगा और अंत में पाकिस्तान एक छोटे से टापू जैसा रह जाएगा।
इन सभी भविष्यवाणियों में एक बात स्पष्ट है कि भारत का भविष्य बहुत महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी हो सकता है।
