भदोही में किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में दोषी को 20 साल की सजा

भदोही की विशेष पोक्सो अदालत ने एक 15 वर्षीय किशोरी के अपहरण और उसके साथ डेढ़ साल तक दुष्कर्म करने के मामले में दोषी को 20 साल की कठोर सजा सुनाई। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक ने जानकारी दी कि दोषी पर 20,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। किशोरी के गर्भवती होने और नारी निकेतन में बच्चे के जन्म की कहानी ने इस मामले को और गंभीर बना दिया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के फैसले के पीछे की कहानी।
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भदोही में किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में दोषी को 20 साल की सजा

विशेष अदालत का फैसला

भदोही की एक विशेष पोक्सो अदालत ने 15 वर्षीय एक किशोरी के अपहरण और उसके साथ डेढ़ साल तक दुष्कर्म करने के आरोप में एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए उसे 20 साल की कठोर सजा सुनाई।


दोषी पर आर्थिक दंड

विशेष लोक अभियोजक धीरज शुक्ला ने जानकारी दी कि अदालत ने दोषी शैलेन्द्र माली (23) पर 20,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया, जिसे पीड़िता को देने का आदेश दिया गया।


घटना का विवरण

यह मामला जिले के कोइरौना थाना क्षेत्र के एक गांव से संबंधित है, जहां शैलेन्द्र माली ने कक्षा आठ में पढ़ने वाली किशोरी के साथ डेढ़ साल तक दुष्कर्म किया। इस दौरान किशोरी गर्भवती हो गई और बाद में उसने नारी निकेतन में एक बच्चे को जन्म दिया। सुनवाई विशेष अपर सत्र न्यायाधीश लोकेश कुमार मिश्रा की अदालत में हुई।


पुलिस की कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि किशोरी के अपहरण और उसे गुजरात के राजकोट में रखकर दुष्कर्म करने के मामले में पीड़िता के पिता ने 18 मई, 2024 को कोइरौना थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।