भगवान श्री कृष्ण की मृत्यु की रहस्यमय कथा

भगवान श्री कृष्ण की मृत्यु की कहानी एक रहस्यमय कथा है, जो महाभारत में वर्णित है। इस लेख में जानें कि कैसे उनके पुत्र सांब के श्राप के कारण उनका कुल नष्ट हुआ और अंततः भगवान श्री कृष्ण ने अपना मानव शरीर त्याग दिया। यह कथा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें जीवन और मृत्यु के गूढ़ रहस्यों पर भी विचार करने के लिए प्रेरित करती है।
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भगवान श्री कृष्ण की मृत्यु की रहस्यमय कथा

भगवान श्री कृष्ण का जीवन और मृत्यु


भगवान श्री कृष्ण के जीवन की जानकारी विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में उपलब्ध है। उनकी बाल लीलाएं, कंस का वध, महाभारत में उनकी भूमिका, और गीता के उपदेशों के बारे में अधिकांश लोग जानते हैं। लेकिन, श्री कृष्ण की मृत्यु के कारण और उसके पीछे की कहानी बहुत कम लोगों को ज्ञात है। वास्तव में, भगवान श्री कृष्ण की मृत्यु और उनके कुल का अंत उनके पुत्र सांब के कारण हुआ। इस कथा का उल्लेख महाभारत में किया गया है।


भगवान श्री कृष्ण की मृत्यु की रहस्यमय कथा


श्री कृष्ण की मृत्यु की कहानी


भगवान श्री कृष्ण का बचपन गोकुल में व्यतीत हुआ। कंस का वध करने के बाद, वे अपने गोकुलवासियों के साथ द्वारका चले गए और वहां अपना राज्य स्थापित किया। महाभारत युद्ध के बाद, कई ऋषि-मुनि जैसे देवर्षि नारद और विश्वामित्र द्वारका आए। इस दौरान, श्री कृष्ण और जाम्बवती के पुत्र सांब ने ऋषियों के साथ मजाक करने के लिए गर्भवती महिला का रूप धारण किया और उनसे पूछा कि उसके गर्भ में बेटा है या बेटी। इस मजाक से ऋषि-मुनि नाराज हो गए और सांब को श्राप दिया कि वह एक लोहे के तीर का जन्म देगा, जिससे उसका कुल नष्ट हो जाएगा।


श्राप से मुक्ति पाने के लिए, सांब ने प्रभास नदी में तांबे के तीर का चूर्ण प्रवाहित किया, जिसे एक मछली ने निगल लिया। इसके बाद, द्वारका में लोगों के बीच झगड़े शुरू हो गए। भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें प्रभास नदी में स्नान करने के लिए कहा, लेकिन इस दौरान फिर से लड़ाई हुई और कई लोग मारे गए। इसके बाद, श्री कृष्ण ने बचे हुए लोगों को हस्तिनापुर भेज दिया।


भगवान श्री कृष्ण की मृत्यु की रहस्यमय कथा


एक दिन, जब भगवान श्री कृष्ण वन में विश्राम कर रहे थे, एक शिकारी ने उन्हें हिरण समझकर तीर चलाया। यह तीर उनके पैर के तलवे में लग गया। इस घटना के बाद, भगवान श्री कृष्ण ने अपना मानव शरीर त्याग दिया और वैकुंठ चले गए।


भगवान श्री कृष्ण की मृत्यु की रहस्यमय कथा


महाभारत के अनुसार, जिस मछली ने तांबे के तीर का चूर्ण निगला था, उसके पेट में एक धातु बन गई। एक दिन, शिकारी ने उस मछली को पकड़ लिया और उससे यह धातु प्राप्त की, जिससे उसने एक तीर बनाया और वही तीर श्री कृष्ण के पैरों पर लगा।