भगवान राम के भक्तों के लिए गर्व का दिन, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया है, जिसमें भगवान राम के भक्तों के लिए गर्व का दिन है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस अवसर पर कहा कि यदि पीएम मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनते, तो मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष जारी रहता। समारोह में 101 पुजारियों ने वैदिक अनुष्ठान किया, जिसमें विभिन्न आध्यात्मिक प्रसाद शामिल थे। मुख्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह 5 जून को होगा, जिसमें भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
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भगवान राम के भक्तों के लिए गर्व का दिन, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आगाज

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि आज भगवान राम के सभी अनुयायियों और श्री राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े व्यक्तियों के लिए गर्व का अवसर है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यदि प्रधानमंत्री मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनते, तो आज हम श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे होते।


अयोध्या शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, क्योंकि श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का दूसरा चरण मंगलवार, 3 जून को शुरू हुआ। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम 5 जून को समाप्त होगा, जो गंगा दशहरा के दिन भी है।


प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरुआत

सुबह 6:30 बजे, देशभर से आए 101 पुजारियों ने राम मंदिर परिसर के आठ मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरुआत की। इस अनुष्ठान में वैदिक पूजा, 1,975 मंत्रों का जाप, राम रक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा और अग्नि अनुष्ठान जैसे आध्यात्मिक प्रसाद शामिल थे। यह अनुष्ठान 4 जून को भी जारी रहेगा।


मंदिर ट्रस्ट के वित्तीय प्रबंधन के लिए जिम्मेदार महंत गोविंद देव गिरि ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा का प्रतीक है, जो राम मंदिर परियोजना को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


मुख्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह

मुख्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह 5 जून को आयोजित किया जाएगा, जब मुख्य मंदिर की पहली मंजिल पर भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके साथ ही परिसर में बने सात अन्य नए मंदिरों की मूर्तियों की भी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यह समारोह कथित तौर पर कांची कामकोटि पीठम के जगद्गुरु शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती द्वारा निर्धारित शुभ मुहूर्त के तहत आयोजित किया जा रहा है।