भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा का आयोजन
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 1 से 15 नवंबर 2025 तक ‘जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा’ मनाने की घोषणा की है, जो भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित होगा। इस समारोह का उद्देश्य जनजातीय समुदायों की समृद्ध विरासत और उनके योगदान को उजागर करना है। विभिन्न राज्यों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आदिवासी संस्कृति का सम्मान किया जाएगा। यह पखवाड़ा न केवल जनजातीय सशक्तिकरण की उपलब्धियों का जश्न मनाएगा, बल्कि देश की जनजातीय विरासत के नायकों को भी श्रद्धांजलि देगा।
| Oct 31, 2025, 22:16 IST
जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा का ऐलान
जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा.
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 1 से 15 नवंबर 2025 तक ‘जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा’ मनाने की घोषणा की है। यह आयोजन भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर होगा। इस समारोह का उद्देश्य जनजातीय समुदायों की समृद्ध संस्कृति और उनके योगदान को उजागर करना है। यह कार्यक्रम जनजातीय अनुसंधान संस्थानों, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों, ट्राइफेड और एनएसटीएफडीसी के सहयोग से आयोजित किया जाएगा।
मंत्रालय ने बताया कि पिछले दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। इस पखवाड़े का उद्देश्य विभिन्न सरकारी पहलों के तहत की गई उपलब्धियों का जश्न मनाना है।
समारोह की विशेषताएँ
जनजातीय गौरव वर्ष की भावना का प्रतीक है समारोह
जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा के अंतर्गत विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में आदिवासी संस्कृति और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मणिपुर में जनजातीय फ्रेम्स फिल्म महोत्सव, छत्तीसगढ़ में शहीद वीर नारायण सिंह लोक कला महोत्सव, और अन्य स्थानों पर जनजातीय मेलों का आयोजन किया जाएगा। ये सभी कार्यक्रम भगवान बिरसा मुंडा की विरासत का सम्मान करते हैं।
यह पखवाड़ा सांस्कृतिक उत्सवों, प्रदर्शनियों और जागरूकता अभियानों के साथ संपन्न होगा, जिसका समापन 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर होगा। इस दिन भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
लोगों से अपील
मंत्रालय की लोगों से अपील
मंत्रालय ने सभी नागरिकों से समारोह में भाग लेने और ‘भगवान बिरसा मुंडा के 150 वर्षों का सम्मान – जनजातीय सशक्तिकरण के 11 वर्षों का उत्सव’ की भावना का सम्मान करने का आग्रह किया है। यह समारोह देश की जनजातीय विरासत के नायकों को श्रद्धांजलि देने का एक अवसर है।
