भगवान जगन्नाथ की बहुदा यात्रा: सुरक्षा इंतजाम और उत्सव की तैयारियां

भगवान जगन्नाथ की बहुदा यात्रा शनिवार को औपचारिक अनुष्ठान के साथ शुरू हुई। इस अवसर पर ओडिशा में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं, जिसमें 6,000 पुलिस अधिकारी और 800 केंद्रीय सशस्त्र बल तैनात हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों को शुभकामनाएं दीं, जबकि रथ खींचने की रस्म भी निर्धारित समय पर होगी। भीड़ पर नजर रखने के लिए एआई-सक्षम सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जानें इस धार्मिक उत्सव की सभी महत्वपूर्ण जानकारियां।
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भगवान जगन्नाथ की बहुदा यात्रा: सुरक्षा इंतजाम और उत्सव की तैयारियां

भगवान जगन्नाथ की बहुदा यात्रा का शुभारंभ

भगवान जगन्नाथ की ‘बहुदा यात्रा’ या रथ वापसी उत्सव शनिवार को औपचारिक ‘पहांडी’ अनुष्ठान के साथ आरंभ हुआ। इस दौरान मूर्तियों को श्री गुंडिचा मंदिर से सारधाबली में खड़े रथों तक ले जाया जा रहा है।


सुरक्षा इंतजामों की तैयारी

ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की ‘बहुदा यात्रा’ के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। इस यात्रा के साथ ‘रथ यात्रा उत्सव’ का समापन होगा। अधिकारियों ने बताया कि राज्य पुलिस के 6,000 अधिकारी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के 800 जवान तैनात किए गए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।


29 जून को गुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ में तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी। यात्रा के संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि मौसम अनुकूल होने के कारण ‘बहुदा यात्रा’ में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है, जिसके लिए विशेष यातायात व्यवस्था की गई है।


मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक ने ‘बहुदा यात्रा’ के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। माझी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘भगवान की कृपा से सभी का जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भरा हो।’


रथ खींचने की रस्म

पुरी के ‘राजा’ गजपति महाराजा दिव्यसिंह देब अपराह्न ढाई बजे से साढ़े तीन बजे के बीच रथों की औपचारिक सफाई करेंगे, जिसे ‘छेरा पहनरा’ कहा जाता है। रथ खींचने की रस्म शाम चार बजे होगी, हालांकि, एक अधिकारी ने कहा कि यह अनुष्ठान निर्धारित समय से पहले भी किया जा सकता है।


सुरक्षा के लिए तकनीकी उपाय

भीड़ पर नजर रखने के लिए 275 से अधिक एआई-सक्षम सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पुलिस महानिदेशक वाईबी खुरानिया ने कहा कि सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं ताकि उत्सव को सुचारू रूप से संपन्न कराया जा सके।