ब्रेन ट्यूमर के लक्षण और उपचार: जानें क्या करें

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण और जानकारी
ब्रेन ट्यूमर आज के समय में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि इसके प्रारंभिक लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। शुरुआत में सिर में हल्का दर्द होता है, लेकिन समय के साथ यह दर्द बढ़ता जाता है। जब दर्द असहनीय हो जाता है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपको तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ब्रेन ट्यूमर का कोई स्थायी इलाज नहीं है। यह बीमारी तीन चरणों में विकसित होती है। यदि समय पर इसका पता चल जाए, तो जान बचाई जा सकती है, लेकिन लक्षणों को अनदेखा करने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।
इस लेख में हम ब्रेन ट्यूमर के बारे में विस्तार से जानेंगे, जैसे कि इसके कारण, लक्षण, प्रकार, बचाव के उपाय और आवश्यक परीक्षण।
ब्रेन ट्यूमर क्या है?
ब्रेन ट्यूमर तब होता है जब मस्तिष्क की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। चूंकि मस्तिष्क खोपड़ी के अंदर स्थित होता है, इसलिए इसके अंदर टिश्यू का बढ़ना गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
ब्रेन ट्यूमर के प्रकार
ब्रेन ट्यूमर के कई प्रकार होते हैं। कुछ ट्यूमर कैंसर रहित होते हैं, जबकि अन्य कैंसर होते हैं। यदि ट्यूमर मस्तिष्क से शुरू होता है, तो इसे प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। वहीं, यदि यह शरीर के किसी अन्य हिस्से से मस्तिष्क तक पहुंचता है, तो इसे द्वितीयक या मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है।
ब्रेन ट्यूमर के प्रारंभिक लक्षण
- लगातार हल्का सिरदर्द
- सिरदर्द का बढ़ता हुआ स्तर
- चक्कर आना और उल्टी होना
- दृष्टि में धुंधलापन या डबल दृष्टि
- हाथ-पैर में झुनझुनी
- याददाश्त में कमी
- बोलने या समझने में कठिनाई
- सुनने, स्वाद या गंध में समस्या
- मूड में बदलाव
- लिखने या पढ़ने में कठिनाई
- चेहरे, हाथ या पैर में कमजोरी
ब्रेन ट्यूमर से संबंधित परीक्षण
ब्रेन ट्यूमर का पता लगाने के लिए विभिन्न परीक्षण किए जाते हैं:
- सीटी स्कैन: यह मस्तिष्क के अंदर की तस्वीरें लेने में मदद करता है।
- एमआरआई स्कैन: यह मस्तिष्क की संरचना की जानकारी प्रदान करता है।
- एंजियोग्राफी: इसमें डाई का उपयोग करके ट्यूमर तक रक्त प्रवाह का पता लगाया जाता है।
- एक्स-रे: यह खोपड़ी की हड्डियों में किसी भी फ्रैक्चर का पता लगाने में मदद करता है।
ब्रेन ट्यूमर का उपचार
ब्रेन ट्यूमर का उपचार मुख्य रूप से सर्जरी के माध्यम से किया जाता है, यदि ट्यूमर का आकार छोटा हो। इसके अलावा, रेडिएशन और कीमोथेरेपी का भी उपयोग किया जाता है।