ब्रिटेन में खालिस्तान बोर्ड परमार्थ आयोग की जांच में वैध पाया गया

ब्रिटेन में गुरुद्वारे की जांच का निष्कर्ष
ब्रिटेन में परमार्थ संस्थाओं की निगरानी करने वाली एक संस्था ने हाल ही में बताया कि दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के बर्कशायर में स्थित एक गुरुद्वारे के प्रशासन की जांच के दौरान यह पाया गया कि वहां प्रदर्शित 'खालिस्तान के बोर्ड' देश में परमार्थ संस्थाओं के लिए निर्धारित राजनीतिक दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं करते। यह जांच गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, स्लाउ के संचालन के संबंध में कुछ वर्ष पहले की गई थी।
आयोग की प्रतिक्रिया
आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि गुरुद्वारे के प्रशासन के संबंध में उठाई गई चिंताओं के बाद एक नियामक अनुपालन मामला शुरू किया गया था। इस प्रक्रिया में खालिस्तान के बोर्ड से संबंधित एक जटिल मुद्दा सामने आया। प्रवक्ता ने कहा, 'हमने उपलब्ध साक्ष्यों की गहन समीक्षा की और विभिन्न क्षेत्रीय प्रतिनिधियों से परामर्श किया। इसके बाद हमने निष्कर्ष निकाला कि इन बोर्डों का प्रदर्शन हमारे अभियान और परमार्थ संस्थाओं के लिए राजनीतिक दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं है।'
नियामक कार्रवाई योजना
आयोग ने यह भी बताया कि यह मामला अभी भी जारी है। दिसंबर 2024 में संबंधित संस्था को एक 'नियामक कार्रवाई योजना' जारी की गई थी, जिसमें उसे अपने प्रशासन और संचालन में सुधार के लिए कुछ कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे। प्रवक्ता के अनुसार, 'निगरानी कार्य के तहत अब तक कई बिंदुओं पर पर्याप्त प्रगति हुई है।' परमार्थ आयोग ने स्पष्ट किया कि अनुपालन मामला एक प्रक्रिया है, जिसमें संवेदनशील मामलों में अधिक जानकारी एकत्र की जाती है, लेकिन यह एक पूर्ण वैधानिक जांच नहीं है।
राजनीतिक गतिविधियों के नियम
ब्रिटेन और वेल्स में पंजीकृत परमार्थ संस्थाओं के लिए नियमों के अनुसार, राजनीतिक गतिविधियां केवल उनके परमार्थ संबंधी उद्देश्यों की पूर्ति के संदर्भ में की जा सकती हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 'खालिस्तान' शब्द का धार्मिक और कुछ के लिए राजनीतिक महत्व है। चूंकि गुरुद्वारे में प्रदर्शित बैनरों में किसी पृथक देश की मांग नहीं की गई थी, इसलिए निष्कर्ष निकाला गया कि संस्था अपने धार्मिक उद्देश्यों के दायरे में कार्य कर रही है।