ब्रिटेन के नए वीजा नियम: छात्रों और कुशल श्रमिकों के लिए यात्रा होगी कठिन

ब्रिटेन ने अपने इमिग्रेशन नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे छात्रों और कुशल श्रमिकों के लिए यात्रा करना कठिन हो जाएगा। नए नियमों के तहत, इंग्लिश भाषा में दक्षता अनिवार्य होगी, और ग्रेजुएट छात्रों के लिए रोजगार खोजने की अवधि को 2 साल से घटाकर 18 महीने कर दिया गया है। यह बदलाव जनवरी 2026 से लागू होगा। जानें इन परिवर्तनों का भारतीय छात्रों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और इसके पीछे के कारण क्या हैं।
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ब्रिटेन के नए वीजा नियम: छात्रों और कुशल श्रमिकों के लिए यात्रा होगी कठिन

ब्रिटेन में इमिग्रेशन नियमों में बदलाव

ब्रिटेन के नए वीजा नियम: छात्रों और कुशल श्रमिकों के लिए यात्रा होगी कठिन

यूके वीजा के नियमों में हुआ बदलाव Image Credit source: Getty image

ब्रिटेन के नए वीजा नियम: यूनाइटेड किंगडम ने अपने इमिग्रेशन नियमों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं, जिन्हें ब्रिटिश संसद ने स्वीकृति दी है। इन परिवर्तनों के बाद, छात्रों और कुशल श्रमिकों के लिए ब्रिटेन की यात्रा अब आसान नहीं होगी। विशेष रूप से, इंग्लिश भाषा में दक्षता आवश्यक होगी, और यदि किसी को इंग्लिश बोलने, पढ़ने या समझने में कठिनाई होती है, तो उनका ब्रिटेन जाने का सपना अधूरा रह जाएगा।

आइए जानते हैं कि छात्रों और कुशल श्रमिकों के लिए ब्रिटेन सरकार के नए वीजा नियम क्या हैं और ये कब से लागू होंगे?

SELT पास करना होगा अनिवार्य

ब्रिटेन जाने के लिए छात्रों और कुशल श्रमिकों को सिक्योर इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट (SELT) पास करना अनिवार्य होगा। इस टेस्ट के माध्यम से ब्रिटिश सरकार वीजा आवेदकों की इंग्लिश बोलने, सुनने, पढ़ने और लिखने की क्षमताओं का मूल्यांकन करेगी। इसके लिए B2 स्तर की दक्षता आवश्यक होगी, जो कक्षा 12 के छात्रों के स्तर के बराबर है।

जनवरी 2026 से लागू होगा नियम

ब्रिटेन सरकार का नया वीजा नियम जनवरी 2026 से प्रभावी होगा। 8 जनवरी 2026 से SELT को अनिवार्य किया जाएगा। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस टेस्ट का आयोजन ब्रिटेन सरकार की होम मिनिस्ट्री द्वारा किया जाएगा। होम सेक्रेटरी शबाना महमूद ने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नए लोग ब्रिटिश जीवनशैली में पूरी तरह से शामिल हो सकें। उन्होंने कहा कि यदि कोई ब्रिटेन आना चाहता है, तो उसे प्रभावी संवाद करने और आवश्यक परीक्षा पास करने में सक्षम होना चाहिए।

भारतीय छात्रों पर नए नियमों का प्रभाव

ब्रिटेन के नए वीजा नियमों का भारतीय छात्रों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। नए नियमों के अनुसार, ग्रेजुएशन के बाद रोजगार खोजने के लिए ब्रिटेन में रहने की अवधि 2 साल से घटाकर 18 महीने कर दी गई है। ऐसे में कई भारतीय छात्र जो वहां से ग्रेजुएशन कर रहे हैं, प्रभावित हो सकते हैं।

परिवर्तनों का कारण

ब्रिटेन सरकार ने एक व्यापक रणनीति के तहत इमिग्रेशन नीति में बदलाव किया है। ब्रिटेन के मंत्री माइक टैप ने आंकड़ों के हवाले से कहा है कि कई ग्रेजुएट अपनी पढ़ाई के बाद रोजगार नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि विदेशी छात्र जो ग्रेजुएट कर रहे हैं, वे हमारी अर्थव्यवस्था में वास्तविक योगदान दें, न कि केवल अपने प्रवास को बढ़ाएं।

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