ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया। उन्होंने ब्रिक्स की भूमिका को वैश्विक भलाई और आर्थिक सहयोग में महत्वपूर्ण बताया। सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया गया और भारत के दृष्टिकोण को दोहराया गया। जानें इस सम्मेलन में और क्या चर्चा हुई और ब्रिक्स नेताओं ने किन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।
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ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश

ब्रिक्स की भूमिका और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स वैश्विक भलाई और आर्थिक सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण ताकत बना हुआ है। यह बयान तब आया जब समूह के कई प्रमुख नेता ब्राजील के समुद्र तटीय शहर में शिखर वार्ता के लिए एकत्र हुए। मोदी ने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए कहा, "रियो डी जेनेरियो में इस वर्ष के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेज़बानी के लिए राष्ट्रपति लूला का आभार।"


ब्रिक्स समूह ने रविवार को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और भारत के दृष्टिकोण को दोहराया कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शिखर सम्मेलन के पहले दिन, ब्रिक्स देशों के नेताओं ने आतंकवाद से निपटने के लिए अपने दृढ़ संकल्प को स्पष्ट किया।


ब्रिक्स नेताओं ने रियो डी जेनेरियो घोषणापत्र जारी किया, जिसमें आतंकवाद, पश्चिम एशिया की स्थिति, और व्यापार से संबंधित मुद्दों पर समूह का दृष्टिकोण शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। घोषणापत्र में कहा गया, "हम 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं।"


घोषणापत्र में यह भी कहा गया है कि ब्रिक्स आतंकवादियों की सीमापार आवाजाही और उनके वित्तपोषण के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है। इसमें देशों की प्राथमिक जिम्मेदारी पर जोर दिया गया है कि वे आतंकवाद के खतरे को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करें।


ब्रिक्स ने आतंकवाद-रोधी सहयोग को और मजबूत करने का संकल्प लिया और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित सभी आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। समूह के नेताओं ने एकतरफा शुल्क और गैर-शुल्क उपायों के बढ़ने पर चिंता व्यक्त की, जिसे अमेरिका की नीति के संदर्भ में देखा गया।