ब्यूटी झा की प्रेरणादायक कहानी: मोमोज बेचकर बनीं डॉक्टर
सपनों की उड़ान: ब्यूटी झा की संघर्ष भरी यात्रा
ब्यूटी झा Image Credit source: beautyjha_34
जब सपने सच्चे होते हैं और मेहनत में ईमानदारी होती है, तो कठिनाइयाँ भी रास्ता नहीं रोक सकतीं। दिल्ली की सड़कों पर मोमोज बेचने वाली ब्यूटी झा ने यह सिद्ध कर दिया है। आर्थिक कठिनाइयों और संघर्षों के बावजूद, उन्होंने अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा। बिहार के मधुबनी जिले की निवासी ब्यूटी झा वर्तमान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं और 2028 में एमबीबीएस डॉक्टर बनने का सपना देख रही हैं। उनकी नीट में सफलता की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो संसाधनों की कमी को अपनी असफलता का कारण मानते हैं।
मोमोज बेचने से लेकर मेडिकल कॉलेज तक का सफर
ब्यूटी झा का जीवन संघर्षों से भरा हुआ रहा है। उनके पिता बेहतर भविष्य की तलाश में बिहार से दिल्ली आए थे, जब ब्यूटी बहुत छोटी थीं। पिता कभी फैक्ट्री में काम करते थे तो कभी माली का काम कर परिवार का भरण-पोषण करते थे। 2020 में जब पिता की नौकरी चली गई, तो परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई। ऐसे में ब्यूटी और उनकी मां ने मोमोज का ठेला लगाकर घर का खर्च चलाने का निर्णय लिया।
ब्यूटी की दिनचर्या में पढ़ाई और मोमोज का ठेला लगाना शामिल हो गया। जब भी उन्हें थोड़ा समय मिलता, वह किताबें खोलकर पढ़ाई करने लगती थीं। शोर और थकान के बावजूद, उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी। उनका सपना डॉक्टर बनने का था, और यही सपना उन्हें हर दिन आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहा।
अभावों को ताकत में बदला
महंगी कोचिंग और किताबों के लिए पैसे की कमी के कारण, ब्यूटी ने ऑनलाइन क्लासेज और यूट्यूब के माध्यम से नीट की तैयारी की। रात में दुकान बंद करने के बाद, जब सब सो जाते थे, तब वह पढ़ाई में जुट जाती थीं। उन्होंने साबित कर दिया कि अगर सीखने की इच्छा हो, तो साधन खुद रास्ता बना लेते हैं।
नीट में सफलता की कहानी
नीट 2023 में ब्यूटी झा ने 4809 रैंक हासिल की और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला लिया। आज वह मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं और 2028 में डॉक्टर बनने का लक्ष्य रखती हैं। उनका सपना है कि वह गरीब और जरूरतमंद लोगों का कम खर्च में या मुफ्त इलाज करें। उनकी कहानी यह सिखाती है कि गरीबी एक बाधा नहीं, बल्कि मेहनत और हौसले की असली परीक्षा होती है।
