बॉम्बे हाई कोर्ट ने गौतम नवलखा को दिल्ली जाने की अनुमति दी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को एल्गर परिषद-माओवादी संबंधों के मामले में राहत देते हुए उन्हें दिल्ली जाने की अनुमति दी है। हालांकि, इस अनुमति के साथ कुछ शर्तें भी हैं, जैसे कि उन्हें अपना पासपोर्ट एनआईए को सौंपना होगा और बिना अनुमति के दिल्ली नहीं छोड़ सकते। अदालत ने नवलखा के स्वतंत्रता के अधिकार को मान्यता दी, लेकिन यह भी कहा कि वे अभी तक स्वतंत्र व्यक्ति नहीं हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
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बॉम्बे हाई कोर्ट ने गौतम नवलखा को दिल्ली जाने की अनुमति दी

गौतम नवलखा को मिली राहत

बॉम्बे हाई कोर्ट ने एल्गर परिषद-माओवादी संबंधों के मामले में आरोपी मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को मुंबई से दिल्ली स्थित उनके निवास पर जाने की अनुमति दी है। इस निर्णय के साथ कुछ शर्तें भी जुड़ी हैं। 74 वर्षीय नवलखा को अपना पासपोर्ट राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का आदेश दिया गया है, और उन्हें एनआईए की विशेष अदालत से पूर्व अनुमति के बिना दिल्ली छोड़ने पर प्रतिबंधित किया गया है। अदालत एल्गर परिषद-भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में नवलखा सहित 16 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई कर रही है। नवलखा को यह भी निर्देश दिया गया है कि जब आरोप तय होंगे, तो उन्हें ट्रायल कोर्ट में उपस्थित रहना होगा और एनआईए के निर्देशों के अनुसार हर सुनवाई में भाग लेना होगा।


हालांकि, यदि आवश्यकता पड़े, तो उन्हें मुंबई की एनआईए स्पेशल कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया गया है। अदालत से छूट मिलने पर ही वे गैर हाजिर हो सकते हैं। हर शनिवार को नवलखा को दिल्ली के स्थानीय पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगानी होगी। उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा और बिना अदालत की अनुमति के दिल्ली नहीं छोड़ सकते। आरोप तय होने के दौरान भी उन्हें मुंबई आना होगा।


नवलखा की याचिका और अदालत का निर्णय

हाल ही में, नवलखा ने याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि मुंबई में रहना उनके लिए महंगा है, इसलिए उन्हें दिल्ली स्थित अपने घर लौटने की अनुमति दी जाए। दरअसल, एनआईए की विशेष अदालत ने नवलखा को जमानत देते समय यह शर्त लगाई थी कि वे अदालत की अनुमति के बिना मुंबई के बाहर नहीं जा सकते। नवलखा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जमानत मिलने के बाद से वह दो सालों से अपने परिवार से अलग मुंबई में रह रहे थे। बेंच ने कहा कि नवलखा को अपनी स्वतंत्रता का अधिकार है, लेकिन वे अभी तक स्वतंत्र व्यक्ति नहीं हैं।


अदालत ने मंगलवार को मौखिक रूप से कहा कि नवलखा के 'देश से फरार होने का खतरा' नहीं है, क्योंकि ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जब उन्होंने भागने की कोशिश की हो।