बॉम्बे हाई कोर्ट ने आशा भोसले के पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा की

आशा भोसले के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा

प्रसिद्ध प्लेबैक गायक आशा भोसले
आशा भोसले: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने हाल ही में उनके पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। न्यायालय ने गुरुवार को आदेश दिया कि विभिन्न संस्थाएं उनके नाम और छवियों का गलत उपयोग नहीं कर सकेंगी। यहां तक कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके भी उनके नाम और छवि का दुरुपयोग नहीं किया जा सकेगा।
अदालत ने स्पष्ट किया कि किसी सेलिब्रिटी की आवाज की नकल करने के लिए AI उपकरणों का उपयोग करना उनके पहचान अधिकारों का उल्लंघन है। जस्टिस आरिफ एस डॉक्टर ने कहा, “किसी भी सेलिब्रिटी की आवाज़ को उसकी अनुमति के बिना बदलने के लिए AI टूल्स का उपयोग करना उनके पर्सनैलिटी राइट्स का उल्लंघन है। ये उपकरण किसी सेलिब्रिटी की आवाज़ के अनधिकृत उपयोग को बढ़ावा देते हैं, जो उनकी पहचान और सार्वजनिक छवि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।”
हाई कोर्ट का फैसला आशा भोसले के पक्ष में
आशा भोसले ने कई प्रतिवादियों के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें एक AI कंपनी मेक इंक भी शामिल थी, जो कथित तौर पर उनकी आवाज के क्लोन संस्करण पेश कर रही थी। पर्सनल राइट्स का अर्थ है किसी व्यक्ति के अपनी पहचान के व्यावसायिक और सार्वजनिक उपयोग को नियंत्रित करने का कानूनी अधिकार। ये अधिकार किसी व्यक्ति की विशेषताओं, जैसे नाम, छवि, समानता, आवाज़, हस्ताक्षर, या ट्रेडमार्क कैचफ़्रेज़, के बिना सहमति के शोषण से सुरक्षा करते हैं।
अन्य सितारों का भी कोर्ट में जाना
आशा भोसले के अलावा, दिल्ली हाई कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन, उनके पति अभिषेक बच्चन और फिल्म निर्माता करण जौहर के पर्सनैलिटी राइट्स की भी रक्षा की थी। सभी ने पर्सनैलिटी राइट्स के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां का फैसला उनके पक्ष में आया।