बैंकिंग और डिजिटल भुगतान में नए बदलाव: शुल्कों में वृद्धि और सेवाओं में कमी

भारत में बैंकिंग और डिजिटल भुगतान क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं। आईसीआईसीआई बैंक और एयरटेल पेमेंट बैंक ने नए शुल्क लागू करने की योजना बनाई है, जिससे ग्राहकों को अतिरिक्त भुगतान करना पड़ सकता है। क्रेडिट कार्ड और डिजिटल वॉलेट के उपयोग पर शुल्क बढ़ाए जा रहे हैं, और मुफ्त सेवाओं में कमी की जा रही है। जानें इन बदलावों का आपके वित्त पर क्या असर पड़ेगा।
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बैंकिंग और डिजिटल भुगतान में महत्वपूर्ण परिवर्तन

देश के बैंकिंग और डिजिटल भुगतान क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव की तैयारी हो रही है। अब बैंक अपनी मुफ्त सेवाओं को सीमित कर रहे हैं और विभिन्न सुविधाओं पर शुल्क बढ़ा रहे हैं। एटीएम से पैसे निकालने से लेकर क्रेडिट कार्ड के उपयोग तक, ग्राहकों को हर कदम पर अतिरिक्त शुल्क का सामना करना पड़ सकता है। आने वाले वर्ष में, आईसीआईसीआई बैंक और एयरटेल पेमेंट बैंक जैसे प्रमुख संस्थान नए सेवा शुल्क लागू करने की योजना बना रहे हैं.


आईसीआईसीआई बैंक के नए शुल्क

आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी चार्ज सूची को अपडेट किया है, जो 15 जनवरी 2026 से लागू होगी। यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग गेमिंग ऐप्स पर करते हैं, तो आपको लेनदेन मूल्य का 2% शुल्क देना होगा। इसके अलावा, थर्ड-पार्टी वॉलेट जैसे पेटीएम या मोबिक्विक में 5,000 रुपये से अधिक की राशि लोड करने पर 1% का अतिरिक्त शुल्क लगेगा। बैंक ने शाखा में नकद बिल जमा करने की फीस को 100 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये कर दिया है.


मनोरंजन और रिवॉर्ड पॉइंट्स पर नई शर्तें

सिनेमा प्रेमियों के लिए भी बुरी खबर है। 1 फरवरी 2026 से बुकमाईशो के माध्यम से मिलने वाले मुफ्त फिल्म ऑफर सीमित कर दिए जाएंगे। अब फ्री मूवी टिकट का लाभ केवल उन ग्राहकों को मिलेगा जिन्होंने पिछले तिमाही में कम से कम 25,000 रुपये खर्च किए हैं। इसके अलावा, प्रीमियम कार्ड्स पर रिवॉर्ड पॉइंट्स प्राप्त करने के लिए अब हर महीने न्यूनतम 20,000 रुपये की खरीदारी करना अनिवार्य होगा.


एयरटेल पेमेंट बैंक का नया वार्षिक शुल्क

डिजिटल वॉलेट का उपयोग अब मुफ्त नहीं रहेगा। एयरटेल पेमेंट बैंक ने 1 जनवरी से अपने वॉलेट उपयोगकर्ताओं पर 75 रुपये (प्लस जीएसटी) का वार्षिक रखरखाव शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। यदि किसी उपयोगकर्ता के वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस नहीं है, तो बैंक मौजूदा बैलेंस काट लेगा और शेष राशि भविष्य में पैसे जमा होने पर स्वतः डेबिट हो जाएगी. यह कदम डिजिटल वॉलेट बाजार में बदलते रुझान को दर्शाता है.


डिजिटल वॉलेट का बदलता परिदृश्य

भारत में डिजिटल वॉलेट का सफर 2004 में ऑक्सीजन वॉलेट से शुरू होकर 2010 में PAYTM के साथ बढ़ा। शुरुआत में ये सेवाएं पूरी तरह मुफ्त थीं, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। 2021 से मोबिक्विक ने इनएक्टिव वॉलेट पर शुल्क लगाना शुरू किया, जिसके बाद अन्य कंपनियों ने भी KYC और कार्ड से पैसे लोड करने पर 1.5% तक का सेवा शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है। यह संकेत है कि अब डिजिटल लेनदेन की लागत उपभोक्ताओं को ही उठानी होगी.


ग्रामीण बैंकों का नया पहचान

ग्रामीण बैंकिंग को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब देश के सभी 28 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की पहचान एक समान होगी। वित्त मंत्रालय और नाबार्ड ने इन बैंकों के लिए एक नया एकीकृत लोगो जारी किया है। इस लोगो में तीन स्तरों वाली एक ऊपर उठती हुई लौ दिखाई गई है, जो विकास, ज्ञान और ग्रामीण सशक्तीकरण का प्रतीक है.