बेगूसराय विधानसभा चुनाव: त्रिकोणीय मुकाबले की तैयारी

बिहार की बेगूसराय विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। बीजेपी के कुंदन कुमार, कांग्रेस की अमिता भूषण, और जन सुराज पार्टी के सुरेंद्र साहनी के बीच कड़ा मुकाबला होगा। 2020 में कुंदन कुमार ने मामूली अंतर से जीत हासिल की थी। इस बार, राजनीतिक समीकरणों के बदलाव के चलते, सभी पार्टियों के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है। जानें इस सीट पर चुनावी माहौल और उम्मीदवारों की स्थिति के बारे में।
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बेगूसराय विधानसभा चुनाव: त्रिकोणीय मुकाबले की तैयारी

बेगूसराय में चुनावी मुकाबला

बिहार की बेगूसराय विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस बार बीजेपी के कुंदन कुमार, कांग्रेस की अमिता भूषण, और जन सुराज पार्टी के सुरेंद्र साहनी के बीच टक्कर होगी। राज्य में राजनीतिक समीकरणों के बदलाव के चलते, इस सीट पर एक बार फिर से कड़ा मुकाबला देखने की उम्मीद है। 2020 में बीजेपी के कुंदन कुमार ने मामूली अंतर से जीत हासिल की थी, जबकि अमिता भूषण और सुरेंद्र साहनी को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।


बीजेपी का उम्मीदवार

बेगूसराय बिहार का एक प्रमुख राजनीतिक केंद्र रहा है, जहां अक्सर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला होता है। 2020 में, कुंदन कुमार ने कांग्रेस के उम्मीदवार को केवल 4,554 वोटों के अंतर से हराया था, जिससे यह चुनाव बिहार के सबसे करीबी मुकाबलों में से एक बन गया। इस बार बीजेपी मजबूत स्थिति में नजर आ रही है, जो 2024 के लोकसभा चुनावों के संकेत देती है।


कांग्रेस का उम्मीदवार

कांग्रेस ने बेगूसराय सीट पर पूर्व विधायक अमिता भूषण पर भरोसा जताया है। अमिता भूषण अपने जमीनी जुड़ाव और पार्टी के नए संगठनात्मक प्रयासों पर विश्वास कर रही हैं। हालांकि, उन्हें 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था।


जन सुराज पार्टी का उम्मीदवार

इस बार जन सुराज पार्टी के सुरेंद्र कुमार सहनी भी चुनावी मैदान में हैं, जो युवा और स्वतंत्र मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका उद्देश्य चुनाव में एक नया मोड़ लाना है।


चुनावी माहौल

बिहार की इस सीट पर चुनावी मुकाबला हमेशा से दिलचस्प और करीबी रहा है। लेकिन 2010 से बेगूसराय सीट बीजेपी का गढ़ बनी हुई है। 2025 के चुनाव में बीजेपी जातीय आधार और शहरी विकास के मुद्दों पर भरोसा कर रही है, जबकि महागठबंधन के लिए यह सीट एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी शिक्षित और युवा मतदाताओं के बीच प्रभाव डालने में सफल हो सकती है।