बेंगलुरु में हाउसिंग सोसाइटी का विवाद: बैचलर्स पर जुर्माना
बेंगलुरु में जुर्माने का मामला
बेंगलुरु के एक युवक ने सोशल मीडिया पर साझा किया कि उसे और उसके सह-फ्लैटमेट को उनकी हाउसिंग सोसाइटी द्वारा 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसका कारण 31 अक्टूबर की रात को दो लड़कियों का उनके फ्लैट पर ठहरना बताया गया। युवक ने अपनी पोस्ट में उल्लेख किया कि सोसाइटी के नियमों के अनुसार बैचलर्स को ओवरनाइट गेस्ट रखने की अनुमति नहीं है, जबकि परिवारों के लिए कोई रोक नहीं है।
क्या बिना चेतावनी के जुर्माना लगाया गया?
युवक ने अपनी पोस्ट के साथ जुर्माने का इनवॉइस भी साझा किया, जिसमें लिखा था, 'दो लड़कियां रात भर रुकीं।' उसने कहा कि यह उसकी पहली 'वायलेशन' थी और बिना किसी चेतावनी के सीधे जुर्माना लगा दिया गया। युवक ने यह भी कहा कि भले ही यह मुद्दा छोटा लगे, लेकिन बैचलर होने के नाते भेदभाव महसूस करना उचित नहीं है। उसने पूछा कि क्या वह कुछ कर सकता है जिससे सोसाइटी अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे। उसका कहना था कि कानूनी कार्रवाई करना मुश्किल है, लेकिन इंसाफ की उम्मीद तो होनी चाहिए। इस सवाल के साथ उसकी पोस्ट तेजी से वायरल हो गई और हजारों अपवोट्स मिले।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
जैसे ही पोस्ट वायरल हुई, कई यूजर्स ने सुझाव दिया कि उसे तुरंत उस सोसाइटी को छोड़ देना चाहिए। कुछ ने कहा कि ऐसे विजिटर मैनेजमेंट ऐप्स लोगों की प्राइवेसी का उल्लंघन करते हैं। एक यूजर ने लिखा कि यह हमारे देश की सांस्कृतिक समस्या है जो जल्दी खत्म नहीं होगी। कई लोगों ने स्पष्ट कहा कि ऐसी सोसाइटी में रहना ही नहीं चाहिए जहां इतने सख्त और भेदभावपूर्ण नियम हों।
कुछ यूजर्स का मानना था कि ऐसे नियम लागू नहीं किए जा सकते और अगर किसी के पास समय और पैसा हो तो वह कोर्ट में चुनौती दे सकता है। लेकिन अधिकांश लोगों ने यह माना कि कानूनी लड़ाई लंबी और महंगी होती है, इसलिए सबसे अच्छा विकल्प है ऐसी जगह से निकल जाना। युवक ने बताया कि उसके फ्लैटमेट ने बिना देखे ही जुर्माना भर दिया।
