बेंगलुरु में स्टैम्पेड: RCB जश्न में 11 की मौत, अधिकारियों पर कार्रवाई

बेंगलुरु में भयानक भगदड़
बेंगलुरु में IPL विजेता रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) का जश्न एक दुखद घटना में बदल गया। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भीड़ में भगदड़ मचने से 11 लोगों की जान चली गई, जबकि 33 अन्य घायल हुए हैं। सभी मृतक 35 वर्ष से कम उम्र के थे, जिनमें से तीन नाबालिग थे। इस घटना के बाद पुलिस ने RCB के मार्केटिंग प्रमुख और इवेंट प्रबंधन कंपनी के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। अदालत ने इन चारों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हाल ही में, कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष ई. जयराम ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। जब पुलिस ने उन्हें पकड़ने का प्रयास किया, तब वे अपने घर से गायब थे।
इस्तीफे की घोषणा
ए. शंकर और ई. जयराम ने एक संयुक्त बयान में कहा कि उन्होंने KCA अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। बयान में उल्लेख किया गया है कि हाल की घटनाओं के कारण उन्होंने यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि उनकी भूमिका इस मामले में सीमित थी, फिर भी नैतिक जिम्मेदारी के तहत उन्होंने इस्तीफा दिया।
मुख्यमंत्री का एक्शन
गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया और RCB तथा इवेंट प्रबंधन के उच्च अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया। इस कार्रवाई में बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर सहित आठ अधिकारियों को निलंबित किया गया। मुख्यमंत्री ने अपने राजनीतिक सचिव को भी बर्खास्त कर दिया।
कर्नाटक हाईकोर्ट की सुनवाई
कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस घटना पर स्वतः संज्ञान लिया है और मामले की सुनवाई की। अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई 10 जून को निर्धारित की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने भी इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक क्रिकेट बोर्ड पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है।
कोर्ट की प्रतिक्रिया
एक्टिंग चीफ जस्टिस वी. कामेश्वर राव और जस्टिस सी. एम. जोशी की बेंच ने अटॉर्नी जनरल को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 10 जून को होगी। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से पूछा कि RCB के खिलाड़ियों को सम्मानित करने का निर्णय किसने लिया और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्या उपाय किए गए। कर्नाटक सरकार ने अदालत में कहा कि भगदड़ के बाद घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान की गई और 1380 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।