बेंगलुरु में साइबर ठगी: महिला से 2.05 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
साइबर अपराधियों का नया तरीका
बेंगलुरु में एक 57 वर्षीय महिला को खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताने वाले साइबर ठगों ने 2.05 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ठग ली। पुलिस ने मंगलवार को इस घटना की जानकारी साझा की।
इस प्रकार की धोखाधड़ी को 'डिजिटल अरेस्ट' कहा जाता है, जिसमें अपराधी कानून प्रवर्तन एजेंट के रूप में सामने आते हैं और ऑडियो या वीडियो कॉल के जरिए लोगों को धमकाते हैं, जिससे वे ऑनलाइन पैसे भेजने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
पुलिस के अनुसार, जालसाजों ने महिला को कई संपत्तियां बेचने और बैंक से ऋण लेने के लिए भी मजबूर किया। यह अपराध 19 जून से 27 नवंबर के बीच घटित हुआ।
महिला को मिली धमकी
शिकायत के अनुसार, 19 जून 2025 को महिला को एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने बताया कि वह 'ब्लू डार्ट' कूरियर कंपनी से है और उसके आधार कार्ड से जुड़े सामान में मादक पदार्थ पाया गया है, जिसके कारण मुंबई पुलिस उसे गिरफ्तार करने वाली है।
इसके बाद, आरोपी ने महिला को एक ऐप इंस्टॉल करने का निर्देश दिया और नियमित रूप से वीडियो कॉल करने लगा।
प्राथमिकी में उल्लेख है कि पहले सप्ताह में आरोपी ने वीडियो और व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से महिला की लगातार निगरानी की। आरोपी पुलिस की वर्दी में दिखाई देता था और खुद को निरीक्षक और पुलिस उपायुक्त बताता था।
धमकी और पैसे की मांग
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने कई अज्ञात मोबाइल नंबरों से महिला से संपर्क किया और उसे धमकी दी कि यदि उसने भुगतान नहीं किया, तो उसके बेटे की जान को खतरा होगा।
प्राथमिकी के अनुसार, गिरफ्तारी और परिवार को नुकसान पहुंचने के डर से महिला ने मालूर में दो भूखंड कम कीमत पर बेचे, विग्नान नगर में एक अपार्टमेंट बेचा और एक निजी बैंक से कर्ज लिया। महिला ने आरोपी को यह सारी राशि भेज दी।
20 जून से महिला ने आरोपी को 2,05,16,652 रुपये ट्रांसफर किए। पुलिस ने महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।
