बेंगलुरु दंगा मामले में तीन दोषियों को मिली सात साल की सजा

विशेष एनआईए अदालत ने 2020 के बेंगलुरु दंगा मामले में तीन व्यक्तियों को सात साल की कठोर सजा सुनाई है। इन दोषियों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की थी। यह निर्णय एनआईए के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता है, जो इस दंगे के पीछे की साजिश की जांच कर रहा है। मामले में शामिल व्यक्तियों के संबंध प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से भी जुड़े हुए थे।
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बेंगलुरु दंगा मामले में तीन दोषियों को मिली सात साल की सजा

विशेष एनआईए अदालत का फैसला

विशेष एनआईए अदालत ने 2020 में हुए बेंगलुरु दंगे से जुड़े मामले में तीन व्यक्तियों को सात-सात साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इन तीनों ने अपनी संलिप्तता को स्वीकार किया था।


यह निर्णय राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो इस दंगे के पीछे की व्यापक साजिश की जांच कर रहा है।


दोषी ठहराए गए व्यक्तियों में सैयद इकरामुद्दीन उर्फ सैयद नवीद (44), सैयद आसिफ (46) और मोहम्मद आतिफ (26) शामिल हैं। इन पर भारतीय दंड संहिता, कर्नाटक संपत्ति विनाश और नुकसान निवारण अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत कई आरोप लगाए गए थे।


यह मामला 11 अगस्त, 2020 को हुई भीड़ की हिंसा से संबंधित है, जिसमें पुलकेशीनगर के विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के निवास और शहर के केजी हल्ली तथा डीजे हल्ली थानों को निशाना बनाया गया था।


एनआईए की जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों का संबंध प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसकी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) से था।