बेंगलुरु की जेल में अपराधियों को मिल रही वीआईपी सुविधाएं, सुरक्षा पर उठे सवाल
बेंगलुरु की जेल में वीआईपी सुविधाओं का मामला
बेंगलुरु में अपराधियों को जेल में मिल रही VIP सुविधाएं
बेंगलुरु के परप्पना अग्रहारा जेल में कैदियों को वीआईपी सुविधाएं और मोबाइल फोन मिलने की जानकारी से सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं। सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी एसके उमेश ने इस मुद्दे पर चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि एक वीडियो में एक कुख्यात अपराधी को मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए और टीवी देखते हुए देखा गया है।
उमेश, जो बेंगलुरु में 35 वर्षों तक पुलिस सेवा में रहे हैं, ने कहा कि जेलों में ऐसी अनियमितताएं पहले भी देखी गई हैं। लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल फोन और अन्य वीआईपी सुविधाओं का उपयोग देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम न उठाए जाने पर निराशा व्यक्त की।
जेल प्रशासन में सुधार की आवश्यकता
उमेश ने सुझाव दिया कि जेल प्रशासन में सुधार के लिए एक आईपीएस अधिकारी को जेल अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए। वर्तमान में, अतिरिक्त उपायुक्त जेलर के रूप में कार्यरत हैं, और उनका मानना है कि आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति से व्यवस्था में सुधार संभव है। सुप्रीम कोर्ट के हालिया सख्त रुख के बावजूद, कई जेलों में वीआईपी सुविधाएं जारी रहना चिंताजनक है।
जेल में नियमों का उल्लंघन
उमेश ने कहा कि कैदियों को खाना या अन्य छोटी सुविधाएं देना गलत नहीं है, लेकिन जन्मदिन मनाने के लिए ताज होटल से केक मंगवाना जैसे मामले जेल नियमों का उल्लंघन हैं। ऐसी सुविधाएं जेल के मूल उद्देश्य को नष्ट कर देती हैं। उन्होंने जेल प्रशासन से इन अनियमितताओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की अपील की है।
आतंकियों को मिल रही वीआईपी सुविधाएं
यह भी सामने आया है कि ISIS के मोस्ट वांटेड आतंकवादी जुहाद हामिद शकील मन्ना को भी परप्पना अग्रहारा जेल में वीआईपी सुविधाएं दी जा रही हैं। वह युवाओं को ISIS में शामिल होने के लिए भर्ती कर रहा था। उसे जेल में एक स्मार्टफोन दिया गया है, और वह इसे शाही अंदाज में इस्तेमाल करते हुए देखा गया है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या परप्पना अग्रहारा जेल आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह बन गई है।
