बेंगलुरु एयरपोर्ट पर नमाज अदा करने पर बीजेपी का सवाल, क्या मिली थी अनुमति?
बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नमाज अदा करने का एक वीडियो वायरल हो गया है, जिस पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने सवाल उठाया है कि क्या इस तरह की गतिविधि के लिए अनुमति ली गई थी। बीजेपी प्रवक्ता विजय प्रसाद ने कांग्रेस सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि उनके आदेश का उद्देश्य किसी विशेष संगठन के खिलाफ नहीं है। जानें इस विवाद के सभी पहलुओं के बारे में।
| Nov 10, 2025, 10:25 IST
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर नमाज का विवाद
बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नमाज अदा करते लोग
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर नमाज अदा करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। इस पर कर्नाटक बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने सवाल उठाया है कि इतनी सुरक्षा वाले क्षेत्र में इस तरह की गतिविधि की अनुमति कैसे दी गई। बीजेपी प्रवक्ता विजय प्रसाद ने कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और आईटी मंत्री प्रियांक खरगे से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। उनके अनुसार, यह नमाज एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 (T2) के अंदर अदा की गई थी।
विजय प्रसाद ने पूछा कि क्या इन लोगों ने एयरपोर्ट पर नमाज पढ़ने के लिए पूर्व अनुमति ली थी। उन्होंने यह भी कहा कि जब आरएसएस संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेकर कार्यक्रम आयोजित करता है, तो सरकार आपत्ति जताती है, लेकिन इस तरह की गतिविधियों पर आंखें मूंद लेती है। उन्होंने घटना की तस्वीर और वीडियो साझा करते हुए पूछा कि क्या यह संवेदनशील क्षेत्र में सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय नहीं है।
How is this even allowed inside the T2 Terminal of Bengaluru International Airport?
Honble Chief Minister @siddaramaiah and Minister @PriyankKharge do you approve of this?Did these individuals obtain prior permission to offer Namaz in a high-security airport zone?
Why is it pic.twitter.com/iwWK2rYWZa— Vijay Prasad (@vijayrpbjp) November 9, 2025
बीजेपी नेता ने कहा कि बेंगलुरु एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है, लेकिन पुलिस या किसी अन्य व्यक्ति ने इसे रोकने का प्रयास नहीं किया। यह कांग्रेस सरकार के दोहरे रवैये को दर्शाता है और एक समुदाय के प्रति तुष्टिकरण का संकेत है।
सीएम सिद्धारमैया का बयान
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 9 नवंबर 2025 को स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का हालिया आदेश, जिसमें प्राइवेट संगठनों को सार्वजनिक स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अनुमति लेनी होती है, केवल आरएसएस के खिलाफ नहीं है।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि आदेश में कहीं भी आरएसएस का विशेष उल्लेख नहीं किया गया है। किसी भी संगठन को कार्यक्रम आयोजित करने के लिए जिला अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। यदि कोई इसे आरएसएस से जोड़ता है, तो यह उनकी सोच है।
