बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने जनगणना पर उठाए सवाल
जनगणना का निर्णय और इसका महत्व
बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने जनगणना कराने का निर्णय लिया है। प्रेस विज्ञप्ति में यह स्पष्ट किया गया है कि इस जनगणना के साथ-साथ आजाद भारत के इतिहास में पहली बार सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण तथा जातिगत जनगणना भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य सभी जातियों की पहचान, सम्मान और अंतिम पंक्ति में खड़ी जातियों का उत्थान करना है। त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि इंडी गठबंधन और कांग्रेस केवल अपने परिवार के उत्थान के बारे में चिंतित हैं।
सुधांशु त्रिवेदी की आलोचना
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि उनकी सोच और कांग्रेस की सोच में मूलभूत अंतर है। वे सभी जातियों की पहचान और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जाति जनगणना की अधिसूचना केंद्र सरकार द्वारा जारी की जाती है, और राज्य सरकार इसे नहीं कर सकती। त्रिवेदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि जहां-जहां वे सत्ता में आते हैं, वहां उनका 'खटा खट' मॉडल देश के विकास के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाता है।
कांग्रेस पर आरोप
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी को हाल ही में सैटेलाइट फिल्मों में दिखाए जाने के बावजूद पाकिस्तान के एयरबेसों की तबाही नहीं दिखाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने भारत की जनगणना कराने का निर्णय लिया है, जिसमें सामाजिक और आर्थिक मूल्यांकन भी शामिल है।
जातिगत जनगणना का इतिहास
त्रिवेदी ने यह भी बताया कि कांग्रेस ने 1951 में स्वतंत्र भारत में जातिगत जनगणना को रोकने का कार्य किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पिछड़ों के अधिकारों को मारने के लिए काका कालेलकर की रिपोर्ट को लागू नहीं होने दिया। उन्होंने कांग्रेस की राजनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि वे जो कह रहे हैं, वह सही है, तो उन्हें अपनी बातों को समझना चाहिए।
