बीजेपी नेता वी मुरलीधरन ने टीपू सुल्तान पर उठाए सवाल, असम सीएम का समर्थन

बीजेपी नेता वी मुरलीधरन ने टीपू सुल्तान की महानता पर सवाल उठाते हुए कहा कि केरल के मालाबार क्षेत्र में कोई भी उन्हें महान नहीं मानता। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने NCERT के उस निर्णय का समर्थन किया, जिसमें टीपू सुल्तान और अकबर के नाम से 'महान' शब्द हटाने की बात कही गई। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इसे इतिहास को तोड़ने का प्रयास बताया। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
 | 
बीजेपी नेता वी मुरलीधरन ने टीपू सुल्तान पर उठाए सवाल, असम सीएम का समर्थन

टीपू सुल्तान पर विवादित बयान

बीजेपी नेता वी मुरलीधरन ने टीपू सुल्तान पर उठाए सवाल, असम सीएम का समर्थन

वी मुरलीधरन और हिमंत बिस्वा सरमा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के हालिया बयान के बाद, बीजेपी नेता वी मुरलीधरन ने टीपू सुल्तान की महानता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह समझ से परे है कि टीपू सुल्तान को महान क्यों माना जाता है। खासकर केरल के मालाबार क्षेत्र में, कोई भी उन्हें महान नहीं मानता। उन्होंने मंदिरों को तोड़ा और लोगों का कत्लेआम किया। वह मालाबार में लूटपाट और अन्य अपराधों के लिए जिम्मेदार थे। यह अच्छा है कि NCERT ने उनके अध्याय को पाठ्यक्रम से हटा दिया है।

मुख्यमंत्री सरमा ने शनिवार को NCERT के उस निर्णय का समर्थन किया, जिसमें मुग़ल सम्राट अकबर और टीपू सुल्तान के नाम से “महान” शब्द हटाने की बात कही गई। उन्होंने इस कदम का स्वागत किया।


ऐतिहासिक सुधारों की आवश्यकता

ऐसे सुधार बहुत पहले कर दिए जाने चाहिए थे

बोंगाईगांव में एक कार्यक्रम में, सीएम ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है। उन्होंने और भी तीखे शब्दों में कहा कि टीपू-इपू को खत्म कर देना चाहिए। जहां भेजना है, वहां भेज दो, समुंदर में फेंक दो। अगर उन्होंने ऐसा किया है, तो NCERT को धन्यवाद। उन्होंने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक सुधार पहले ही हो जाने चाहिए थे।


कांग्रेस सांसद की प्रतिक्रिया

कांग्रेस सांसद ने क्या कहा?

NCERT के इस कदम पर विभिन्न राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इसे इतिहास को तोड़ने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि यह बदलाव उन ऐतिहासिक व्यक्तियों के योगदान को मिटाने का प्रयास है जिन्होंने उपमहाद्वीप के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा कि ये लोग 700 साल तक राज करते रहे। उनके नाम हटाने से क्या हासिल होगा? उनके शासन में GDP 27 प्रतिशत थी। भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। उन्होंने ब्रिटिश गुलामी को स्वीकार नहीं किया।