बीएमसी चुनावों में शिवसेना और मनसे के बीच सीट विवाद बढ़ा

महाराष्ट्र में बीएमसी चुनावों की तैयारी के बीच शिवसेना (UBT) और मनसे के बीच सीट बंटवारे को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। मनसे ने कुछ सीटों पर दावा किया है, जबकि शिवसेना इन सीटों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। दोनों दलों के नेताओं के बीच बातचीत बेनतीजा रही है, और अब ठाकरे बंधु के बीच सीधी चर्चा की संभावना है। जानें इस राजनीतिक हलचल के पीछे की कहानी और आगे क्या हो सकता है।
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बीएमसी चुनावों में शिवसेना और मनसे के बीच सीट विवाद बढ़ा

बीएमसी चुनावों में सियासी हलचल

बीएमसी चुनावों में शिवसेना और मनसे के बीच सीट विवाद बढ़ा

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र में बीएमसी चुनावों की तैयारी के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। शिवसेना (UBT) और राज ठाकरे की मनसे के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद गहरा गया है। मनसे ने माहिम, विक्रोली और शिवडी जैसी सीटों पर दावा किया है, जो वर्तमान में शिवसेना (UBT) के विधायकों के पास हैं। शिवसेना (UBT) का इन सीटों को छोड़ने से इनकार करने के कारण बातचीत बेकार साबित हुई है। अब ठाकरे बंधु के बीच सीधी बातचीत होने की संभावना है, जो दोनों दलों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है।

बीएमसी चुनावों के लिए सीटों का बंटवारा अभी तक नहीं हो पाया है, और राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इस बीच, शिवसेना (UBT) और मनसे के बीच अनबन की खबरें आ रही हैं। मनसे ने विक्रोली और शिवडी विधानसभा क्षेत्रों में आने वाली बीएमसी सीटों पर दावा किया है, जबकि शिवसेना इन सीटों को किसी भी स्थिति में छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।

दोनों दलों के नेताओं के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा हुई थी, लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही। अब यह तय है कि आने वाले दिनों में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे इस मुद्दे पर बैठकर बातचीत करेंगे। दोनों नेता इस मामले को सुलझाने के लिए बैठक करेंगे।

शिवसेना का रुख

मनसे ने जिन तीन सीटों की मांग की है, वहां वर्तमान में शिवसेना (UBT) के विधायक हैं। शिवसेना (UBT) का कहना है कि, जिन विधानसभा क्षेत्रों में उनके विधायक हैं, वहां की सीटें छोड़कर मनसे अन्य सीटों की मांग करे। उनके जीते हुए सीटों पर कोई चर्चा नहीं होगी। शिवसेना (UBT) का यह अड़ियल रुख मनसे को पसंद नहीं आ रहा है।

बातचीत का एक महीना

सीट बंटवारे की बातचीत में शिवसेना (UBT) की ओर से अनिल परब, वरुण सरदेसाई और सूरज चव्हाण शामिल हैं, जबकि मनसे की ओर से बाला नांदगांवकर और नितिन सरदेसाई हैं। पिछले एक महीने से दोनों दलों के नेताओं के बीच इस मुद्दे पर चर्चा चल रही है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। जिन सीटों पर विवाद है, उन पर अब सीधे ठाकरे बंधु आपस में बातचीत करेंगे.