बिहार सरकार की नई योजना: 704 पुलों का निर्माण शुरू

बिहार में ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास
बिहार सरकार ने गांवों को शहरों से जोड़ने और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 'मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना' के तहत, वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्यभर में 704 नए पुलों का निर्माण 10 सितंबर से आरंभ किया जाएगा। इस योजना के लिए सरकार ने 3,688 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जिससे हजारों गांवों को स्थायी और सुरक्षित सड़क संपर्क प्राप्त होगा.
निर्माण कार्य की सख्त निगरानी
ग्रामीण कार्य विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि 10 सितंबर से संवेदक ग्रामीण सड़कों और पुलों का निर्माण कार्य शुरू नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसमें उनकी जमानत राशि जब्त करने और उन्हें काली सूची में डालने की कार्रवाई शामिल है। इस योजना का उद्देश्य उन ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध सड़क संपर्क स्थापित करना है, जहां बारिश, बाढ़ या पुराने पुलों के कारण आवागमन में बाधा आती है.
पुलों का निर्माण और उनकी स्थिति
मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के अंतर्गत पुराने और जर्जर पुलों के स्थान पर नए और मजबूत पुलों का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही, उन मार्गों को भी पुलों से जोड़ा जाएगा, जहां अभी तक पुलों की कमी है। बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त पुलों को फिर से स्थापित किया जाएगा। कई ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से बने पुलों के लिए पहुंच पथ का निर्माण भी किया जाएगा.
प्रशासनिक स्वीकृति और निर्माण की स्थिति
राज्य के विभिन्न जिलों में पुलों के निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है, जिसमें उत्तर और दक्षिण बिहार के जिले शामिल हैं। पूर्वी चंपारण में सबसे अधिक 56 पुलों का निर्माण किया जाएगा, इसके अलावा दरभंगा में 38, गया, सिवान और सीतामढ़ी में 30-30, सारण और वैशाली में 28-28, भागलपुर और गोपालगंज में 27-27, रोहतास और शेखपुरा में 26-26, नालंदा में 24, बेगूसराय में 20 और पटना में 18 पुलों का निर्माण होगा.
जनता की भागीदारी
यह योजना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें आम जनता की मांग को प्राथमिकता दी गई है। 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम में आए प्रस्तावों और सार्वजनिक घोषणाओं को इस योजना में शामिल किया गया है, जिससे यह योजना जनभागीदारी से बनी है.
गांवों का सामाजिक और आर्थिक विकास
सरकार का मानना है कि यह योजना केवल पुलों के निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गांवों के सामाजिक और आर्थिक विकास की नींव रखेगी। इससे किसानों को अपने उत्पाद मंडी तक पहुंचाने में मदद मिलेगी, बच्चों के लिए स्कूल जाने का रास्ता सुरक्षित होगा, और आपात स्थिति में लोगों को शहरों के बड़े अस्पतालों तक पहुंचने में आसानी होगी.