बिहार विधानसभा चुनाव में महिलाओं की मतदान में बढ़ती भागीदारी
बिहार विधानसभा चुनाव 2023 में महिलाओं की मतदान दर 71.6% तक पहुंच गई, जो पिछले चुनाव की तुलना में काफी अधिक है। आर्थिक सशक्तिकरण और सुरक्षा के मुद्दे ने महिलाओं को मतदान के लिए प्रेरित किया। जानें कैसे राजनीतिक दलों ने इस बार महिलाओं को आकर्षित करने के लिए रणनीतियाँ बनाई और किस प्रकार महिलाएं अब अपने वोट के निर्णय में स्वतंत्रता का अनुभव कर रही हैं।
| Nov 12, 2025, 21:53 IST
महिलाओं की मतदान दर में वृद्धि
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार महिलाओं ने मतदान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं की मतदान दर 71.6% रही, जबकि पुरुषों की मतदान दर 62.8% रही। पहले चरण में महिलाओं की भागीदारी 69.04% थी, जो दूसरे चरण में बढ़कर 79.04% हो गई।
महिलाओं के मतदान के पीछे के कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं के बड़े पैमाने पर मतदान करने के पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला, आर्थिक सशक्तिकरण और वित्तीय लाभ, जो प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने घोषणापत्र में शामिल किए। महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने महिलाओं को 30,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने का वादा किया, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘लाखपति दीदियों’ जैसी योजनाओं की घोषणा की।
कानून और व्यवस्था का प्रभाव
हालांकि, केवल आर्थिक प्रोत्साहन ही कारण नहीं था। कानून और व्यवस्था भी महिलाओं के मतदान के प्रमुख कारणों में से एक रही। बीजेपी ने चेतावनी दी कि अगर तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बने, तो ‘जंगलराज’ की वापसी होगी। महिलाएं, जो नीतीश कुमार के शासन में सुरक्षित महसूस कर रही थीं, अपने व्यवसाय शुरू कर रही थीं और शिक्षा प्राप्त कर रही थीं, उन्हें अपने घरों में सीमित रहने का डर था।
महागठबंधन की रणनीति
महागठबंधन ने इस स्थिति को भांपते हुए तेजस्वी यादव को यह संदेश देने के लिए प्रेरित किया कि वे अपराध के प्रति शून्य सहनशीलता सुनिश्चित करेंगे। कांग्रेस ने भी प्रियंका गांधी वाड्रा को अभियान में शामिल कर महिलाओं को आकर्षित करने का प्रयास किया।
महिलाओं की बढ़ती स्वतंत्रता
पिछले चुनाव में महिलाओं की भागीदारी केवल 56% थी, जबकि इस बार यह संख्या काफी बढ़ गई है। यह दर्शाता है कि बिहार की महिलाएं अब अपने वोट के निर्णय में पुरुषों के दबाव को नहीं मानतीं और अपनी स्वतंत्र पसंद के आधार पर मतदान कर रही हैं।
महिलाओं की निर्णायक भूमिका
इस प्रकार, बिहार के इस चुनाव में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने यह स्पष्ट किया कि आर्थिक लाभ और सुरक्षा दोनों ही उनके मतदान के प्रमुख निर्धारक रहे हैं, और वे अब राजनीतिक निर्णयों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
