बिहार विधानसभा चुनाव: दानापुर सीट पर कांटे की टक्कर
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल सक्रिय हैं। चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, जिससे दानापुर विधानसभा सीट पर जनता की रुचि बढ़ गई है। इस बार दानापुर सीट पर भाजपा के राम कृपाल यादव और आरजेडी के रीतलाल यादव के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव के बाद जनता किस उम्मीदवार को जीत का ताज पहनाती है।
चुनाव की प्रक्रिया
राज्य में विधानसभा चुनाव दो चरणों में आयोजित किए जाएंगे। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को और दूसरे चरण की 11 नवंबर को होगी। चुनाव परिणाम 14 नवंबर 2025 को घोषित किए जाएंगे। इस बार मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है, जबकि नई पार्टी जन सुराज भी चुनावी मैदान में है, जिसके संस्थापक प्रशांत किशोर हैं।
भाजपा का उम्मीदवार
भारतीय जनता पार्टी ने दानापुर विधानसभा सीट के लिए रामकृपाल यादव को उम्मीदवार बनाया है। रामकृपाल पहले पाटिलपुत्र से सांसद रह चुके हैं, लेकिन 2024 के चुनाव में उन्हें मीसा भारती के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। दानापुर सीट पर यादव मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और भाजपा ने अनुभवी नेता को उतारकर अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास किया है। रामकृपाल ने 1985 में पटना नगर निगम के उप-महापौर के रूप में राजनीति में कदम रखा था।
आरजेडी का उम्मीदवार
आरजेडी ने दानापुर सीट से रीतलाल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। रीतलाल ने 2020 में यहां जीत हासिल की थी और तब से वह इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनकी जीत में यादव और मुस्लिम वोटरों का महत्वपूर्ण योगदान था। हालांकि, पिछले पांच वर्षों में उन पर कई आरोप लगे हैं, जिससे चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है।
दानापुर की राजनीतिक स्थिति
बिहार की राजनीति में दानापुर सीट की महत्वपूर्ण भूमिका है। यहां लगभग 3.5 लाख मतदाता हैं, जिनमें यादव, एससी और मुस्लिम वोटरों की संख्या अधिक है। दोनों पार्टियों के उम्मीदवार यादव जाति से हैं, जिससे मुकाबला और भी कड़ा हो गया है। वर्तमान विधायक और आरजेडी उम्मीदवार रीतलाल यादव रंगदारी के मामले में जेल में बंद हैं, जो चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकता है।
